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गूगल प्ले स्टोर पर चल रहा खालिस्तान का एजेंडा, मोबाइल नेटवर्क पर कर लेता है कब्जा

अमेरिका में पाकिस्तान (Pakistan) समर्थित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) गूगल के प्ले स्टोर (Google Play Store) को अपना नया मंच बना लिया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 07:26 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 03:50 PM (IST)
गूगल प्ले स्टोर पर चल रहा खालिस्तान का एजेंडा, मोबाइल नेटवर्क पर कर लेता है कब्जा
गूगल प्ले स्टोर पर चल रहा खालिस्तान का एजेंडा, मोबाइल नेटवर्क पर कर लेता है कब्जा

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय इंटरनेट यूजरों (Internet Users) ने गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर कथित 'खालिस्तान' (Khalistan) के लिए भारत विरोधी दुष्प्रचार (Anti India Propaganda) और उग्रवाद को बढ़ावा देने पर गूगल की कड़ी आलोचना की है। साथ ही कट्टरपंथ और भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले '2020 सिख रेफरेंडम एप' (2020 Sikh Referendum App) को गूगल से हटाने की मांग की है।

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दरअसल अमेरिका में सिखों के पाकिस्तान समर्थित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) गूगल के प्ले स्टोर को अपना नया मंच बना लिया है। ताकि वह पंजाब को खालिस्तान नाम का अलग देश बनाने का अपना एजेंडा चला सके। '2020 सिख रेफरेंडम' नाम का यह मोबाइल एप 7.54 एमबी का है। इसे रोमानिया की आइसीईटेक वेब डिजाइनिंग कंपनी ने बनाया है। यह एप खालिस्तान के लिए पंजाब के लोगों को अपना वोट देने के लिए उकसाता है। फिलहाल गूगल प्ले स्टोर पर यह एप 1000 डाउनलोड के साथ सूचीबद्ध है।

नेटवर्क पर कर लेता है कब्जा

एप डाउनलोड करने के दौरान 3.001 वर्जन का एप कैमरा, लोकेशन, सीडी कार्ड के स्टोरेज और उसमें बदलाव और उसे डिलीट करने की मंजूरी मांगता है। इसके साथ ही यह एप पूरे नेटवर्क पर कब्जा कर लेता है और वाइफाइ कनेक्शन को भी प्रभावित करता है। इससे भारत या विदेश में रहे रहे यूजर की सभी जानकारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। एप डाउनलोड करने के बाद फोन में कई अतिरिक्त क्षमताएं आ जाती हैं। इस एप को इसी साल 14 फरवरी को जारी किया गया था। इसकी रेटिंग गूगल प्ले स्टोर पर 1.0 दिखाई गई है।

इंटरनेट यूजर्स का फूटा गुस्सा

इस एप पर जा चुकी स्नेहा गुप्ता ने बताया कि एप जितने भी एक्सेस मांगता है, वह गैर जरूरी और खतरनाक हैं। एक अन्य एप यूजर ने बताया कि किसी पाकिस्तानी ने यह सस्ता एप बनाया है, ताकि वह भारत के खिलाफ अपना नफरत का पैगाम सबको भेज सके। अगर किसी को इसका सुबूत चाहिए तो सर्विस प्रोवाइडर का नाम जैजिलमोबी लिंक है। यह पाकिस्तान का मोबाइल नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर है। आखिर गूगल अपने मंत्री पर ऐसे कट्टरपंथी विचारों को कैसे चलने दे सकता है।

पाकिस्तान की साजिश

उल्लेखनीय है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार करतारपुर कॉरिडोर को खालिस्तान समर्थित आतंकियों का गढ़ बनाने की पाकिस्तान की साजिश है।


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