पाकिस्तानी गोलाबारी में एक सैनिक शहीद, जवाब में पाक सेना का ईधन डिपो तबाह और उनके तीन सैनिक भी मरे
पुंछ में पाक सेना ने एलओसी के साथ सटे करीब एक दर्जन गांवों को निशाना बनाया। इससे कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई मवेशी भी मारे गए हैं।
श्रीनगर, एएनआइ। पाकिस्तान ने शनिवार को नियंत्रण रेखा पर उत्तरी कश्मीर के नौगाम सेक्टर (कुपवाड़ा) और पुंछ जिले के शाहपुर किरनी, कसबा सेक्टर में भारी गोलीबारी की। नौगाम में भारतीय सेना का एक जवान शहीद हुआ है। जबकि दो अन्य सैन्यकर्मी घायल हुए हैं। इधर, पुंछ में पाक सेना ने एलओसी के साथ सटे करीब एक दर्जन गांवों को निशाना बनाया। नौगाम में भारतीय सेना ने भी पाकिस्तानी गोलाबारी का करारा जवाब दिया है। इससे पाकिस्तानी सेना का एक ईधन डिपो तबाह हो गया और उसके तीन सैनिकों के मारे जाने या घायल होने की सूचना है। देर रात तक दोनों तरफ से एक-दूसरे के ठिकानों पर भीषण गोलाबारी जारी थी।
नौगाम में गोलाबारी
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने नौगाम सेक्टर के अंतर्गत हरदूल सब सेक्टर में स्थित भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर मोर्टार व तोप के गोले बरसाए। कुछ गोले एक अग्रिम चौकी के पास गिरे। इनसे हुए धमाकों की चपेट में आकर तीन सैन्यकर्मी गंभीर रूप से घाायल हो गए। उन्हें तुरंत सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने गन्नर भूपेंद्र ¨सह को शहीद करार दिया। अन्य दो सैन्यकर्मियों लांस नायक वेंकटेश और सिपाही शाहजल की हालत गंभीर, लेकिन स्थिर बनी हुई है।
पाकिस्तानी सेना की 10 बलोच बटालियन ने सुबह लगभग नौ बजे शाहपुर किरनी और कसबा सेक्टर में भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों के साथ रिहायशी इलाकों में मोर्टार दागने शुरू किए। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की तो पाकिस्तानी सैनिकों ने फाय¨रग की रेंज बढ़ाकर नियंत्रण रेखा के नजदीकी इलाकों देगवार, माल्टी, दलान, डोकड़ी सहित कई रिहायशी इलाकों में मोर्टार दागने शुरू कर दिए। गोलाबारी की चपेट में आने से नियंत्रण रेखा के नजदीकी गांव में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं, इलाके में कई मवेशी भी मारे गए और कई घायल हुए हैं।
कई इलाकों में पहली बार गिरे गोले
एलओसी पर गोलाबारी की आवाज नियंत्रण रेखा से कई किलोमीटर दूर पुंछ शहर तक सुनाई दी। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिन रिहायशी इलाकों में शनिवार को पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार दागे हैं, उन इलाकों में 1965, 1971 के बाद 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भी तोप के गोले नहीं पहुंचे थे। इस बार पाक सैनिकों ने गोलाबारी के दौरान सभी हदों को पार कर दिया। गनीमत यह रही कि किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है।