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Oxford Corona Vaccine: भारत में कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी

Oxford Corona Vaccine भारत में कोरोना वैक्सीन का मानव ट्रायल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी मिलकर कर रहे हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:01 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 11:27 AM (IST)
Oxford Corona Vaccine: भारत में कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी
Oxford Corona Vaccine: भारत में कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी

नई दिल्ली, एएनआइ। Oxford Vaccine, दुनियाभर में कोरोना संकट के बीच लोगों को वैक्सीन का इंतजार है। इसको लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक शोध और ट्रायल में लगे हुए हैं। इस बीच भारत में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी मिल गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश की शीर्ष दवा नियामक- ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को भारत में ऑक्सफोर्ड की संभावित कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के मानव ट्रायल को मंजूरी मिल गई है।

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आधिकारिक सूत्र ने एएनआई को बताया कि गहन मूल्यांकन के बाद, DCGI ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(SII) को क्लीनिकल एक्सपर्ट कमिटी (SEC) की सिफारिशों के आधार पर क्लिनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दी है। गौरतलब है कि भारत में ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का क्लीनीकल ट्रायल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और ऑक्सफोर्ड मिलकर कर रहे हैं।

इससे पहले कोरोना मामलों पर विषय विशेषज्ञ समिति ने देश की दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया(DCGI) से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ह्यूमैन ट्रायल के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) को अनुमति देने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश के आधार पर ही इस वैक्सीन के मानव ट्रायल को मंजूरी दी गई है।

अधिकारी ने कहा, एक तेज नियामक प्रतिक्रिया के रूप में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के प्रस्ताव को एसईसी में इस सप्ताह की शुरुआत में एक आभासी बैठक के माध्यम से विचार-विमर्श किया गया था। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ट्रायल के पहले चरण में वैक्सीन पर उत्पन्न आंकड़ों पर विचार करने के बाद समिति ने आचरण करने की अनुमति देने की सिफारिश की। 

अधिकारी ने कहा कि अध्ययन के अनुसार, मानव ट्रायल के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को 4 सप्ताह के भीतर दो खुराकें दी जाएंगी (पहली खुराक 1 दिन और दूसरी खुराक 29 दिन), जिसके बाद सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता का पूर्वनिर्धारित अंतराल पर मूल्यांकन किया जाएगा। अधिकारी के अनुसार, फार्मा फर्म को डाटा ड्रग सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (DSMB) द्वारा मूल्यांकन किया गया सेफ्टी डाटा, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) में रजिस्टर करना होता है, इससे पहले कि वह क्लीनिकल ट्रायल के चरण-3 तक आगे बढ़ सके।


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