10वीं अनुत्तीर्ण के लिए जारी होगा नारंगी पासपोर्ट, केरल के पूर्व CM ने बताया भेदभावपूर्ण
उन्होंने कहा कि इस प्रकार से भारतीय नागिरकों को दो तरह से विभाजित किया जा रहा है एक शिक्षा के आधार पर और दूसरा बिना शिक्षा के आधार पर।
तिरुवनंतपुरम (आइएएनएस)। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमेन चांडी ने सोमवार को केंद्र द्वारा प्रस्तावित नए पासपोर्ट को लेकर नाराजगी जाहिर की है। ओमान चांडी ने केंद्र के द्वारा 10 अनुत्तीर्ण नागरिकों के लिए नारंगी पासपोर्ट जारी करने के प्रस्ताव को भेदभावपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए।
नारंगी पासपोर्टधारक विदेशों में होंगे परेशानी के शिकार
उन्होंने कहा कि इस प्रकार से भारतीय नागिरकों को दो तरह से विभाजित किया जा रहा है एक शिक्षा के आधार पर और दूसरा बिना शिक्षा के आधार पर। उन्होंने आगे कहा कि अगर यह प्रस्ताव वास्तविकता का रुप लेती है तो नारंगी पासपोर्टधारकों के लिए विदेशों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। दूसरे देशों में उनके पासपोर्ट के आधार पर उनके साथ गलत व्यवहार किया जाएगा जिसका प्रभाव उनके चरित्र और व्यक्तित्व पर उल्टा पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए।
चांडी ने आगे कहा कि हमारे कई देशवासियों ने मध्य-पूर्व देशों में कई कठिन परिस्थितियों में भी कठोर परिश्रम किया है और उनकी कड़ी मेहनत राज्य और देश की प्रगति में सहायक होती है। केंद्र सरकार के प्रवास विभाग के प्रमुख इरुदायराजन ने भी सरकार के इस प्रस्तावित कदम की निंदा की।
शिक्षा के आधार पर नागरिकों का विभाजन दूर हो
उन्होंने कहा, "हमारे अध्ययन के अनुसार, केरल की जनसंख्या 2.5 मिलियन का लगभग 15 प्रतिशत कक्षा 10वीं उत्तीर्ण नहीं है तो दूसरे देशों में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत से भी अधिक होगा। "शिक्षा के आधार पर नागरिकों को बांटने की नीति सबसे आखिरी है और इसे तत्काल दूर किया जाना चाहिए।
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