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विपक्ष का नए कृषि कानूनों पर रोना, दुर्ग जिले के किसान यहां कमा रहे अनुबंध खेती से ढाई गुना

किसानों के मुताबिक सीजन के काफी पहले ही बीज कंपनियां गांवों में पहुंचकर अनुबंध कर लेती हैं। खेती की शुरुआत से फसल कटते तक कंपनी के प्रतिनिधि नियमित दौरा करते हैं। फसल कटने के बाद तौल के आधार पर किसानों के खाते में भुगतान कर दिया जाता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 08:36 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 08:36 PM (IST)
विपक्ष का नए कृषि कानूनों पर रोना, दुर्ग जिले के किसान यहां कमा रहे अनुबंध खेती से ढाई गुना
किसानों के मुताबिक सीजन के काफी पहले ही बीज कंपनियां गांवों में पहुंचकर अनुबंध कर लेती हैं।

टीकम सिंह पिपरिया, दुर्ग। कृषि कानून को लेकर देश भर में विपक्ष का हंगामा चल रहा है। वहीं, दूसरी ओर दुर्ग जिले के किसान अनुबंध खेती से ढाई गुना तक अधिक आमदनी कर रहे हैं। ये किसान अब दूसरों के लिए नजीर बनते जा रहे हैं। दुर्ग के अलावा बालोद व धमतरी जिले में करीब पांच हजार एकड़ और पूरे प्रदेश में लगभग 20 हजार एकड़ में अनुबंध खेती हो रही है। वीएनआर सीड्स, बायनियर, टाटा, बायर, माइको आदि कंपनियां छत्तीसगढ़ में किसानों से अनुबंध कर रही हैं। ये कंपनियां किसानों को बीज-खाद से लेकर तकनीकी सहायता तक देती हैं। वहीं धान छह से सात हजार रपये क्विंटल तक खरीदती हैं। जबकि आमतौर पर बाजार में किसान को धान की कीमत बमुश्किल डेढ़ हजार रपये क्विंटल तक ही मिलती है।

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किसानों के मुताबिक सीजन के काफी पहले ही बीज कंपनियां गांवों में पहुंचकर अनुबंध कर लेती हैं। खेती की शुरुआत से फसल कटते तक कंपनी के प्रतिनिधि नियमित दौरा करते हैं। फसल कटने के बाद तौल के आधार पर किसानों के खाते में भुगतान कर दिया जाता है।

अनुबंध खेती के तहत उच्च गुणवत्ता का पैदा हो रहा धान

किसानों ने बताया कि अनुबंध खेती के तहत उच्च गुणवत्ता का धान पैदा करते हैं। इसका उपयोग बीज के रूप में भी होता है। इस तरह होती है कमाई किसानों के अनुसार अनुबंध वाली फसल में प्रति एकड़ 12 से 15 क्विंटल तक धान का उत्पादन होता है। छह हजार रुपये क्विंटल की दर भी मिलती है तो एक एकड़ में किसान को 72 से 90 हजार रुपये मिल जाते हैं। 

वहीं सामान्य तरीके से फसल लेने पर अधिकतम 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन होता है। इसकी कीमत डेढ़ हजार रुपये क्विंटल मिले तो 30 से 33 हजार रुपये ही आमदनी हो सकती है। इस तरह अनुबंध वाली खेती में ढाई गुना तक मुनाफा किसान को होता है।

क्या कहना है किसानों का

केस-1: बालोद जिले के ग्राम सांकरा के किसान चिमन देशमुख ने बताया वे चार साल से अनुबंध खेती कर रहे हैं। पिछले साल 16 एकड़ में 'नर-नारी' धान की अनुबंध खेती की थी। फसल थोड़ा खराब होने पर 100 क्विंटल तक ही उत्पादन हुआ। कंपनी ने 7200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा। सात लाख 20 हजार रुपये प्राप्त हुए।

केस-2: ग्राम बेलौदी के किसान लेखराम साहू ने बताया वह चार साल से अनुबंध खेती कर रहे हैं। बीते साल उन्होंने तीन एकड़ में अनुबंध खेती की थी। प्रति एकड़ 11 क्विंटल के हिसाब से 33 क्विंटल उत्पादन हुआ। कंपनी ने 72,00 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा। इस तरह दो लाख 37 हजार रुपये मिले।


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