Politics on employment: जानिए, विपक्षी दलों को ही क्यों याद आता है रोजगार का मुद्दा
भाजपा राज में प्रदेश में पलायन बढ़ा। बेरोजगारी और पलयान के लिए रमन को प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। देश की सियासत में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। विपक्षी दल देशभर में सरकारों को घेरने और युवाओं को अपने पाले में करने के लिए बेरोजगारी को प्रमुख मुद्दा बनाते रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार से जहां कांग्रेस के नेता रोजगार की मांग कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस शासित राज्यों में भाजपा के नेता रोजगार नहीं मिलने के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर रोजगार का मुद्दा उठाया, तो आम लोगं ने भी उनसे 15 साल में दिए रोजगार पर उलटा सवाल खड़े कर दिए। यही नहीं, रमन के ट्वीट पर मध्य प्रदेश के युवाओं ने भी सवाल किया और कहा कि कभी एमपी की शिवराज सरकार को भी रोजगार देने के वादे याद दिलाएं।
बघेल पर निशाना साधते हुए रमन ने ट्वीट किया-नौकरी मांगो तो बहाने हजार हैं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए रमन ने ट्वीट किया-नौकरी मांगो तो बहाने हजार हैं, खजाना खाली है, हम कर्जदार हैं, हक मांगनें सड़क पर आओगे तो सरकार कहती है, डंडा तैयार है। सीएम बघेल युवा झूठे आश्वासन, झूठे आंकड़े और बहाने नहीं, रोजगार चाहते हैं। लाठी-डंडे से उनकी आवाज दबा नहीं सकते। युवाओं को उनका हक देना ही पड़ेगा। रमन के ट्वीट पर मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती के नाम के ट्वीटर अकाउंट से सवाल हुआ, यही हाल मध्य प्रदेश में भी है।
शिवराज सिंह शिक्षक भर्ती प्रक्रिया रोककर बैठे हैं
जबसे शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, तब से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया रोककर बैठे हैं। ज्ञापन धरना प्रदर्शन के बावजूद सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही, दो शब्द इनके लिए भी बोल दीजिए।
कंगना को वाई श्रेणी सुरक्षा, तो हमें रोजगार क्यों नहीं
दिलीप शर्मा ने ट्वीट किया- डॉ. रमन सिंह मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है, लेकिन रोजगार नहीं है, रोजगार मांगो तो डंडा तैयार है। हमारा किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं है। अगर कंगना को वाई श्रेणी सुरक्षा दी जा सकती है, तो हमें रोजगार क्यों नहीं दिया जा सकता।
शिक्षक दुखी हैं
पवन राठौर ने ट्वीट किया- माननीय, क्या करे बेचारे, आपके शासन में भर्ती ही नहीं निकली। आपके कारण आज विद्यामितान शिक्षक दुखी हैं। छह माह से नौकरी से निकाल दिए गए हैं। आप आउट सोर्सिग करते थे, अब दर्द दिख रहे, छलावा है जी। आप लोग राजनीति करते हैं और मरते हम गरीब लोग हैं।
आयुर्वेदचिकित्सक के खाली पदों पर भर्ती नहीं
डॉ. वृंदा ने ट्वीट किया-महोदय आपके शासनकाल में भी आयुर्वेदचिकित्सक के खाली पदों पर भर्ती करने के लिए कुछ नहीं किया गया। 400 से अधिक पद खाली थे। आयुर्वेद चिकित्सक समुदाय को आपसे अत्यधिक उम्मीद थी।
रमन बताएं, 30 लाख पदों पर क्यों नहीं हुई भर्ती: विकास
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने रमन से सवाल किया कि उनके कार्यकाल में 30 लाख पदों पर भर्ती क्यों नहीं की गई। रमन को पीएम मोदी से मांग करनी चाहिए कि वे प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार दें। रमन सरकार में 25 लाख पंजीकृत बेरोजगार थे। झूठ बोलकर वोट लिए जिसके कारण प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ी। भाजपा राज में प्रदेश में पलायन बढ़ा। बेरोजगारी और पलयान के लिए रमन को प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए।