लखीमपुर खीरी कांड: गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे पर अड़ा विपक्ष, SIT की रिपोर्ट के बाद भी मंत्री बनाए रखने का विरोध
लोकसभा में लगातार तीसरे दिन भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही ठप हो गई। इस्तीफे की मांग पर अड़े विपक्षी दल लखीमपुर खीरी कांड में एसआइटी की रिपोर्ट आने के बाद भी अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल में बनाए रखने का जमकर विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लखीमपुर खीरी कांड को लेकर गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग को विपक्ष ने अपना बड़ा मुद्दा बना लिया है। लोकसभा में लगातार तीसरे दिन भारी हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही ठप हो गई। इस्तीफे की मांग पर अड़े विपक्षी दल लखीमपुर खीरी कांड में एसआइटी की रिपोर्ट आने के बाद भी अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल में बनाए रखने का जमकर विरोध कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश चुनाव की बढ़ रही गरमाहट के बीच लखीमपुर खीरी कांड को लेकर विपक्ष भाजपा और केंद्र सरकार की घेरेबंदी का मौका नहीं छोड़ना चाह रहा है। इसीलिए तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद विपक्षी पार्टियां गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांग से भी पीछे नहीं हट रही हैं। लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को शुरू होते ही कांग्रेस की अगुआई में अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने एसआइटी रिपोर्ट के आधार पर अजय मिश्रा को कठघरे में खड़ा करते हुए इस्तीफे की मांग शुरू कर दी।
प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्य वेल में पोस्टर और बैनर लेकर नारेबाजी करते हुए इस्तीफे की मांग करने लगे। स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, मगर विपक्षी सांसद आक्रामक तेवर में दिखे। स्पीकर ने हंगामा कर रहे सदस्यों को आगाह भी किया कि सदन की किसी संपत्ति को नुकसान हुआ तो वे जिम्मेदार होंगे। मगर हंगामा थमता नहीं देख स्पीकर ने लोकसभा को दो बजे तक स्थगित कर दिया। दोबारा सदन शुरू हुआ तब भी विपक्ष ने गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर शोर-शराबा जारी रखा। हंगामे के बीच सरकार ने लोकसभा में सरोगेसी (किराए की कोख) विधेयक को पारित करा लिया।
राज्यसभा ने इस विधेयक को मौजूदा सत्र के दौरान पहले ही पारित कर दिया है। विपक्ष की नारेबाजी व शोरगुल के दौरान सरकार ने तीन अन्य विधेयक भी पेश कर दिए। पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों का हंगामा थमते नहीं देख सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे को लेकर विपक्षी दल प्रधानमंत्री पर जिस तरह निशाना साध रहे हैं, उसे देखते हुए अगले हफ्ते भी लखीमपुर कांड की सियासी आंच धीमी होगी इसकी संभावना कम ही है।
राज्यसभा में वैसे तो मुख्य हंगामा विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन को लेकर ही हुआ, मगर सदन स्थगित होने के बाद नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी पार्टियां लखीमपुर खीरी का मुद्दा भी उठाना चाहती थीं। उनका कहना था कि वे खुद लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुए अन्याय पर सदन में बोलना चाहते थे, मगर राज्यसभा को स्थगित कर उन्हें बोलने नहीं दिया गया।