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ऑपरेशन समुद्रसेतु: श्रीलंका में फंसे 700 नागरिकों को वापस लाने के लिए कोलंबो पहुंचा INS जलाश्व

श्रीलंका में फंसे कम से कम 700 भारतीयों को वापस लाया जाएगा। इससे पहले आइएनएस जलाश्व के माध्यम से माले और मालदीव में फंसे 1286 भारतीयों को वापस लाया जा चुका है।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 08:42 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 08:42 AM (IST)
ऑपरेशन समुद्रसेतु: श्रीलंका में फंसे 700 नागरिकों को वापस लाने के लिए कोलंबो पहुंचा INS जलाश्व
ऑपरेशन समुद्रसेतु: श्रीलंका में फंसे 700 नागरिकों को वापस लाने के लिए कोलंबो पहुंचा INS जलाश्व

नई दिल्ला, एएनआइ। करोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते कई भारतीय नागरिक विदेशों में फंसे हैं। इन लोगों को अब फ्लाइट्स और समुद्र के रास्ते अपने देश वापस लाया जा रहा है। भारत सरकार ने समुद्र से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन समुद्रसेतु चलाया है। इसके तहत सोमवार को आइएनएस जलाश्व श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंच चुका है।

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यहां फंसे कम से कम 700 भारतीयों को वापस लाया जाएगा। इससे पहले आइएनएस जलाश्व के माध्यम से माले और मालदीव में फंसे 1,286 भारतीयों को वापस लाया जा चुका है।

बता दें कि लगभग 800 किलोमीटर की दूरी में फैले 200 द्वीपों में भारतीय लोग बसे हुए हैं, जिन्हें 'मिशन समुद्र सेतु' के तहत अपने देश वापस लाया जा रहा है। विदेशों से आने वाले लोगों की पूरी स्‍वास्‍थ्‍य जांच की जा रही है। साथ ही स्‍वदेश लौटने पर इन्‍हें क्‍वारंटाइन केंद्रों में भी रखा जा रहा है। वहीं लोगों को लाने से पहले उनकी स्क्रीनिंग और अन्य जरूरी जांच के बाद ही उन्हें शिप पर चढ़ाया जा रहा है।

शनिवार को नौसेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि 1 जून से ऑपरेशन समुद्रसेतु के दूसरे चरण की शुरूआत होगी। विज्ञप्ति में जानकारी दी गई थी कि इस चरण में भारतीय नौसेना का जहाज जलाश्व श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से 700 भारतीयों को लेकर आएगा, ये लोग तूतीकोरिन, तमिलनाडु से हैं। इसके बाद 700 अन्य भारतीयों को मालदीव की राजधानी माले से तूतीकोरिन लाया जाएगा। ऑपरेशन के पिछले चरण में नौसेना पहले ही 1,488 भारतीय नागरिकों को माले से कोच्चि लाया गया था।

नौसेना की तरफ से कहा गया है कि श्रीलंका और मालदीव में भारतीय मिशन उन भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहे हैं, जिन्हें भारत वापस लाया जाएगा। इन लोगों की पहले चिकित्सिय जांच की जाएगी इसके बाद उन्हें वापस लाने का काम शुरू किया जाएगा। नौसेना ने कहा कि इस ऑपरेशन को विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत सरकार की अन्य एजेंसियों और राज्य सरकारों के निकट समन्वय में आगे बढ़ाया जा रहा है।


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