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असम में नागरिक रजिस्टर के लिए लगभग दो माह में महज इतने आवेदन

एनआरसी में नाम शामिल कराने से चूके करीब 40 लाख में से 35.5 लाख लोगों ने अब तक आवेदन ही नहीं किया है। इसमें शामिल संदिग्ध अवैध प्रवासियों को चुनौती देने के संबंध में 200 से भी कम आवेदन मिले हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 09:54 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 09:54 PM (IST)
असम में नागरिक रजिस्टर के लिए लगभग दो माह में महज इतने आवेदन
असम में नागरिक रजिस्टर के लिए लगभग दो माह में महज इतने आवेदन

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में नाम शामिल कराने से चूके करीब 40 लाख लोगों में से 35.5 लाख लोगों ने अब तक आवेदन ही नहीं किया है। सूत्रों ने रविवार को बताया कि अभी सिर्फ 4.5 लाख लोगों ने एनआरसी में नाम शामिल कराने के लिए आवेदन दिए हैं। इन लोगों ने भारतीय नागरिक होने का दावा करते हुए प्रासंगिक दस्तावेज भी जमा कराए हैं।

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सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में दावे और आपत्तियां दाखिल करने की यह प्रक्रिया 25 सितंबर को शुरू हुई थी, जो 15 दिसंबर तक चलेगी। अधिकारियों को एनआरसी में शामिल संदिग्ध अवैध प्रवासियों को चुनौती देने के संबंध में 200 से भी कम आवेदन मिले हैं। दूसरी सूची में करीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं होने पर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दावे और आपत्तियां दाखिल करने के लिए दो महीने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।

एनआरसी का मकसद राज्य में बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों की पहचान करना है। लेकिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआरसी की कवायद को 'राजनीति से प्रेरित' करार देते हुए चेतावनी दी थी कि इससे देश में 'खून खराबा' और 'गृह युद्ध' होगा। उन्होंने एनआरसी के जरिये लोगों को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा था कि यह असम से बंगालियों को बाहर निकालने की साजिश है।

कम संख्या में दावे और आपत्तियां आने को लेकर शनिवार को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन और अन्य लोग शामिल हुए।

सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी के अपडेशन के लिए दाखिल होने वाले दावे और आपत्तियों के निपटारे के 'स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर' (एसओपी) भी तय किए हैं। मालूम हो कि 30 जुलाई को प्रकाशित ड्राफ्ट एनआरसी में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी में नाम शामिल कराने के लिए पहले 10 दस्तावेजों स्वीकृति दी थी, लेकिन बाद में पांच और दस्तावेजों को मान्य किया गया।


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