Move to Jagran APP

देश में महंगाई की मार के बीच महाधनवानों की संख्‍या में इजाफा, पढ़ें ये रिपोर्ट

भारत में धनकुबेरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि देश की कुल संपत्ति का एक-चौथायी हिस्सा इन लोगों के पास सिमट रहा है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 27 Sep 2018 10:56 AM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2018 02:33 PM (IST)
देश में महंगाई की मार के बीच महाधनवानों की संख्‍या में इजाफा, पढ़ें ये रिपोर्ट
देश में महंगाई की मार के बीच महाधनवानों की संख्‍या में इजाफा, पढ़ें ये रिपोर्ट

नई दिल्‍ली [जारगण स्‍पेशल]। इन दिनों भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का एक नया मिजाज देखने को मिल रहा है। देश में डॉलर के मुकाबले कमजाेर होते रुपये, आसमान छूती तेल की कीमतें और तमाम घरेलू आर्थिक चुनौतियाें के बीच नए धन-कुबेरों की संख्‍या में लगातार इजाफा हो रहा है। इतना ही नहीं इन करोड़पतियों के पास देश की कुल जीडीपी का ए‍क चौथाई हिस्‍से के बराबर संपदा है। इन दो विरोधाभासी सत्‍य के साथ हमारी अर्थव्‍यवस्‍था गुजर रही है। फ‍िलहाल, देश की तमाम चुनौतियों के बीच वेल्थ क्रिएशन रेट ऑल टाइम की हालिया रिपोर्ट में दुनिया में भारतीय अर्थव्यस्‍था की धाक कायम है। लेकिन यहां एक यक्ष सवाल यह है कि भारत की इस अमीरी में पूंजी देश के चुनिंदा लोगों के पास सिमट रही है। ऐसे में क्‍या हम एक संतुलित विकास की ओर बढ़ रहे हैं। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्‍या हैं बड़े कारक और रिपोर्ट के कुछ अनछुए पहलू के बारे में।

loksabha election banner

धन-कुबेरों का देश बना भारत
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अमीरों की संख्‍या में लगातार इजाफा हो रहा है। बार्कलेज हुरुन इंडिया रिच 2018 की लिस्ट में पिछले वर्ष की लिस्ट से एक-तिहाई से ज्यादा नए महाधनवान शामिल हुए हैं। इस तरह 2017 में 617 लोगों की यह लिस्ट इस वर्ष बढ़कर 831 लोगों की हो गई है। इस तरह धनवानों की सूची के साथ्‍ा गत वर्ष के मुकाबले 214 नए नाम शामिल हुए हैं। इसमें खास बात यह है कि इन अमीरों के पास कुल संपत्ति देश के जीडीपी का एक चौथाई हिस्‍सा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या देश की कुल संपत्ति में अमीर लोगों का भाग लगातार बढ़ रहा है।

चुनिंदा लोगों के पास सिमटी संपत्ति
बार्कलेज हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2018 की इस रिपोर्ट में एक और आंकड़ा जारी किया गया है, जो देश की आर्थिक व्‍यवस्‍‍था के एक अन्‍य पक्ष को भी उजागर करता है। भारत अमीर तो बन रहा है, लेकिन यह पूंजी देश के चुनिंदा लोगों के पास सिमट रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के महज 831 लोगों के पास 1000 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति है। यह भारत की कुल जीडीपी का एक चौथाई है। इन 831 लोगों के पास 719 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है, जोकि भारत की जीडीपी का 25 फीसद है। खास बात यह है कि अमीरों की इस सूची में 306 नाम एकदम नए हैं। इसमें 113 नाम पहली पीढ़ी के उद्योगपतियों के हैं।

डिजिटल का दबदबा कायम, हासिए पर टेक्नो-फार्मा सेक्टर
डिजिटल क्षेत्र का दबदबा लगातार कायम है। इस रिपोर्ट में पिछले एक दशक से अर्थ की दुनिया में राज कर रहे टेक्नो और फार्मा सेक्टर में इस बार भी गिरावट दर्ज की गई है। डिजिटल सेक्‍टर लगातार तीसरी बार अपना दबदबा बनाने में कामयाब रहा है। दरअसल, बीते कुछ सालों में फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री पर संकट के बादल घिरे रहे हैं। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर दोनों जगह इसे विपरीत स्थितियों का सामना करना पड़ा है। घरेलू मोर्चे पर प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण कंपनियों को कीमतें घटानी पड़ीं। इससे इनके प्रॉफिट और मार्जिन पर असर पड़ रहा है। इसके चलते तमाम दिग्गज दवा कंपनियों के शेयर धराशायी हो गए। इन कंपनियों में सन फार्मा, ल्यूपिन और डॉ रेड्डीज शामिल हैं। इनके शेयरों में 70 फीसद तक की गिरावट आई है।

दुनिया का छठा सबसे अमीर देश है भारत
भारत दुनिया का छठां सबसे अमीर देश बन गया है। देश की दौलत 559 लाख करोड़ रुपये (8,230 अरब डॉलर) से ज्‍यादा हो गई है। यह बात एशिया बैंक ग्‍लोबल वेल्‍थ माइग्रेशन रिव्‍यू से सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया का सबसे अमीर देश अमेरिका बना हुआ है। अमेरिका की दौलत 62,584 अरब डॉलर (42.54 लाख अरब रुपये से ज्‍यादा) है। लिस्‍ट में दूसरे पायदान पर 24,803 अरब डॉलर के साथ चीन और तीसरे पायदान पर 19,522 अरब डॉलर के साथ जापान का स्‍थान रहा।

भारत की दौलत में 200 फीसद बढ़ोत्‍तरी का अनुमान
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वेल्‍थ क्रिएशन में मदद करने वाले अहम कारकों में एंटरप्रेन्‍योर्स की ज्‍यादा संख्‍या, अच्‍छा एजुकेशन सिस्‍टम, आईटी सेक्‍टर में आ रही तेजी, बीपीओ, रियल एस्‍टेट, हेल्‍थकेयर और मीडिया सेक्‍टर शामिल हैं। इन सभी के चलते अगले 10 सालों में भारत की दौलत में 200 फीसदी बढ़ोत्‍तरी होने का अनुमान है। चीन की संपत्ति 2027 तक बढ़कर  69,449 अरब डॉलर हो जाने का, वहीं अमेरिका की दौलत लगभग 75,101 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.