Move to Jagran APP

बच्चों के लिए बड़ा खतरा है आनलाइन गेमिंग, रुपये का ही नहीं जान का भी जोखिम

जब तक माता-पिता को बैलेंस कटने की जानकारी लगती है तब तक उनका हजारों रुपये का नुकसान हो चुका होता है। योगेश चौधरी के मुताबिक बड़ा नुकसान यह होता है कि माता-पिता का नुकसान होने की आत्मग्लानि से बच्चे अवसाद में आ जाते हैं और गलत कदम उठा लेते हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 01 Sep 2021 11:14 PM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 11:14 PM (IST)
बच्चों के लिए बड़ा खतरा है आनलाइन गेमिंग, रुपये का ही नहीं जान का भी जोखिम
नुकसान होने पर आत्मग्लानि में उठा लेते हैं आत्मघाती कदम

भोपाल, जेएनएन। बच्चों का रुझान आनलाइन गेम की तरफ काफी ज्यादा बढ़ गया है, यह लत खतरनाक है। आमतौर पर बच्चे अपने माता-पिता के मोबाइल पर ही आनलाइन गेम खेलते हैं। इससे खेलत समय उन्हें आनलाइन भुगतान के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का भी पता चल जाता है और वह इसका इस्तेमाल कर लेते हैं। इससे माता-पिता का आर्थिक नुकसान होता है और साथ ही बच्चे अवसाद में आकर आत्मघाती जैसे कदम उठा लेते हैं। मध्य प्रदेश राज्य साइबर सेल के पास इस तरह की कई शिकायतें पहुंच रही हैं।

loksabha election banner

सेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश चौधरी ने बताया कि आनलाइन गेम में नेक्स्ट लेवल तक जाने के लिए या कोई अवतार, हथियार या फिर ड्रेस खरीदने के लिए आनलाइन भुगतान करना होता है, जिसके लिए बच्चे माता-पिता के आनलाइन बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर देते हैं। इस तरह अपराधी तत्व उन्हें बार-बार खरीदारी के लिए उकसाते हैं।

कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे कार्ड और बैंक की डिटेल गेम के ही पेमेंट मोड में सेव कर देते हैं, जिससे अगली बार भुगतान के लिए उन्हें सिर्फ ओटीपी की ही जरूरत होती है। ओटीपी माता-पिता के ही मोबाइल नंबर पर आता है और बच्चे गेम खेलने के दौरान मोबाइल से ओटीपी का इस्तेमाल कर गेम खेलते हैं। इस तरह रुपये ट्रांसफर करने में उन्हें समय नहीं लगता और ट्रांजेक्शन व ओटीपी के मैसेज को डिलीट भी कर देते हैं। जब तक माता-पिता को बैलेंस कटने की जानकारी लगती है तब तक उनका हजारों रुपये का नुकसान हो चुका होता है। योगेश चौधरी के मुताबिक, बड़ा नुकसान यह होता है कि माता-पिता का नुकसान होने की आत्मग्लानि से बच्चे अवसाद में आ जाते हैं और फिर कोई गलत कदम उठा लेते हैं।

माता-पिता इन बातों का रखें ख्याल

साइबर सेल की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि कोशिश करें कि बच्चों को मोबाइल न दें। आनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को ऐसे टेबलेट दें, जिनमें सिम नहीं लगती है। इंटरनेट के उपयोग के लिए वाई-फाई का उपयोग करें। इसके अलावा बच्चे आनलाइन क्या कर रहे हैं उस पर नजर रखें। परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर आदि पर पैरेंटल कंट्रोल आन करें। मोबाइल के पासवर्ड बच्चों को न बताएं, खास तौर पर तब जब बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नंबर की सिम मोबाइल में उपयोग हो रही हो। बच्चों से बिल, रीचार्ज या अन्य आनलाइन भुगतान ना करवाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.