Move to Jagran APP

इंदौर में फ्रांस से जुड़े ऑनलाइन सट्टा के तार, कई कारोबारियों से पूछताछ

पुलिस ने करीब 20 बैंक खातों को पकड़ा है। सभी नौकरानी माली मजदूरों के नाम से खुले हैं। कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है। इन खातों में करोड़ों का लेनदेन हुआ है। खाते खोलने में को-ऑपरेटिव बैंक के अफसरों की भूमिका संदिग्ध है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 06:15 AM (IST)
इंदौर में फ्रांस से जुड़े ऑनलाइन सट्टा के तार, कई कारोबारियों से पूछताछ
ऑनलाइन सट्टा धनगेम और धन कुबेर के तार फ्रांस से जुड़ गए हैं।

मुकेश मंगल, इंदौर। ऑनलाइन सट्टा धनगेम और धन कुबेर के तार फ्रांस से जुड़ गए हैं। सट्टा किंग ने भारत में कर्नाटक को हेड क्वार्टर बना रखा था। पुलिस 20 फर्जी खातों में 50 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन पकड़ चुकी है। इंदौर के भंवरकुआं और जूनी इंदौर के कई कारोबारियों पर काले धन को सफेद करने का शक है। इनसे पूछताछ की जा रही है। 

loksabha election banner

तीन परिवीक्षाधीन आइपीएस को सौंपी जांच की जिम्मेदारी 

डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने जांच के लिए तीन परिवीक्षाधीन आइपीएस अमित तोलानी (एएसपी ग्रामीण), आइपीएस पुनित गेहलोद (सीएसपी अन्नपूर्णा) और आइपीएस अभिनव विश्वकर्मा को लगाया है। तीनों अफसर अन्नपूर्णा थाने को बेसकैंप बनाकर संदेहियों से पूछताछ में जुटे हैं।

एक को-ऑपरेटिव बैंक के अफसरों को भी तलब किया गया है, जिन पर बेनामी खाते खोलने का आरोप है। इन खातों में 50 करोड़ रपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है। विदेशी एप के माध्यम से धोखाधड़ी का इस तरह का यह पहला मामला है। पुलिस अभी तक पलाश अभिचंदानी, जितेंद्र लौवंशी, विकास यादव सहित पांच लोगों को पकड़ चुकी है। 

फ्रांस का डोमेन और पांच राज्यों का नेटवर्क पकड़ा 

एएसपी अमित तोलानी के मुताबिक, अभी तक की जांच में पता चला कि सट्टा कंपनी का डोमेन फ्रांस से रजिस्टर्ड है। सट्टा किंग ने कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में एजेंट नियुक्त किए थे। मप्र में महू के लोकेश को प्रमुख बनाया गया था। उसने अन्य को सब एजेंट बनाया और आइडी जनरेट कर दी। उसने एक साल के भीतर करीब 50 करोड़ रपये का ट्रांजेक्शन किया और खुद व भाई नीलेश के नाम से आमा चंदन, इंदौर सहित अन्य जगह 30 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीद ली। पुलिस ने उसकी प्रॉपर्टी के कागजात जब्त कर लिए हैं। 

ईडी को सौंपेंगे जांच 

पुलिस ने करीब 20 बैंक खातों को पकड़ा है। सभी नौकरानी, माली, मजदूरों के नाम से खुले हैं। कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है। इन खातों में करोड़ों का लेनदेन हुआ है। खाते खोलने में को-ऑपरेटिव बैंक के अफसरों की भूमिका संदिग्ध है।

उधर, हिरासत में लिए व्यापारियों ने कुबूला है कि वे काले धन को सफेद कर रहे थे। कुछ ने शकर, अनाज की खरीदी दर्शा दी और फर्जी बिल, जीएसटी, पैन कार्ड का इस्तेमाल किया। एसपी महेशचंद जैन के मुताबिक, मामला मनी लांड्रिंग का बन गया है। लिहाजा ईडी को जांच सौंपी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.