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Stay Home Stay Empowered : जानें, सरकार ने ऑनलाइन बैंकिंग और साइबर फ्रॉड से बचने के क्या बताए हैं फंडे

अपराधियों की प्रवृत्ति होती है कि वे आपदा का फायदा उठाकर क्राइम करते हैं। बीते कुछ महीनों में आम लोगों समेत कंपनियों के साथ बैंक फ्रॉड आदि में इजाफा हुआ है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 09:18 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 09:21 AM (IST)
Stay Home Stay Empowered : जानें, सरकार ने ऑनलाइन बैंकिंग और साइबर फ्रॉड से बचने के क्या बताए हैं फंडे
Stay Home Stay Empowered : जानें, सरकार ने ऑनलाइन बैंकिंग और साइबर फ्रॉड से बचने के क्या बताए हैं फंडे

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस की वजह से अधिकांश लोगों को घरों से ही काम करना पड़ रहा है। घर से काम करने की बाध्यता की वजह से हमारी ऑनलाइन निर्भरता काफी बढ़ी है। अपराधियों की प्रवृत्ति होती है कि वे आपदा का फायदा उठाकर क्राइम करते हैं। बीते कुछ महीनों में आम लोगों समेत कंपनियों के साथ बैंक फ्रॉड आदि में इजाफा हुआ है। इसमें कोई दो-राय नहीं है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करना काफी जरूरी है, पर उसके साथ-साथ सुरक्षा भी काफी अहम है। ऐसे में भारत सरकार ने हाल में ही ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर कुछ बातें बताई हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप अपनी सुरक्षा को अधिक पुख्ता कर सकते हैं। इसके अलावा, स्टेट बैंक और साइबर एक्सपर्ट ने भी लोगों को साइबर फ्रॉड से सुरक्षित रहने की सलाह दी है।

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ये सुझाव दिए हैं सरकार ने

- अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि उम्र, फोन नंबर, पता आदि को सार्वजनिक तौर पर न बताएं। इससे चोरी की संभावना बढ़ जाती है।

-लॉग-इन करने के बाद अपने अकाउंट को ऐसे न छोड़ें। जब आप उसका प्रयोग न कर रहे हों तो उसे लॉग-आउट कर दें। अपने पासवर्ड को किसी को न बताएं।

-अपनी पर्सनल डिवाइस जैसे कि यूएसबी और हार्ड-ड्राइव को पब्लिक कंप्यूटर पर प्रयोग न करें।

-फाइल एक्सटेंशन जैसे कि .bat, .cmd, .exe, .pif को फिल्टरिंग सॉफ्टवेयर से ब्लॉक करें।

-किसी विश्वसनीय स्रोत से सत्यापन के बिना फॉरवर्ड करने से बचें

-किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर फेक प्रोफाइल न बनाएं।

-अपने किसी दोस्त की जानकारी भी सोशल नेटवर्किंग साइट पर शेयर न करें। इससे आप उसे जोखिम में डालते हैं।

-मजबूत पासवर्ड बनाएं और इसे लगातार बदलते रहें

-सोशल नेटवर्किंग साइट पर प्राइवेसी सेटिंग को जरूर पढ़ें।

-अधिकृत व्यक्ति को ही अपने पर्सनल कंप्यूटर या लैपटॉप की एक्सेस दें।

-सिर्फ वेरीफाइड ओपन सोर्स या लाइसेंस्ड सॉफ्टवेयर का प्रयोग करें।

- अपने कंप्यूटर में ऑटोमेटिक एंटीवायरस सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट करें।

एसबीआई की सलाह

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि लोगों को ncov2019@gov.in से आने वाले ईमेल पर क्लिक करने से बचना चाहिए। एसबीआई ने कहा है कि ये हैकर ई-मेल आईडी ncov2019@gov.in से लोगों का मुफ्त में कोरोना टेस्ट करने के नाम पर उनकी पर्सनल और बैंकिंग जानकारी हासिल कर रहे हैं। एसबीआई ने खासतौर से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई हैदराबाद और अहमदाबाद के लोगों को फर्जी ई-मेल को लेकर सावधान रहने को कहा है।

बैंक ने दी सलाह

SBI ने नेट बैंकिग इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को सलाह दी है कि अपनी डिटेल्स किसी के साथ भी शेयर न करें। इसके अलावा, साइबर क्राइम की शिकायत आप नैशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/" rel="nofollow) पर कर सकते हैं।

इन तरीकों से भी फर्जीवाड़ा

व्हाट्सऐप कॉल के जरिए फर्जीवाड़ा-

अगर व्हाट्सऐप पर किसी अनजान नंबर से वॉइस कॉल आती है तो आप सावधान हो जाइए, क्योंकि फोन करने वाला आपको ठग सकता है। इस वारदात को अंजाम देने के बाद आपके नंबर को ब्लॉक कर सकता है। वॉइस कॉल करने वाला अपनी ट्रिक में फंसाकर आपके पैसे हड़प सकता है।

यूपीआई के जरिए ठगी

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के जरिए किसी को भी आसानी से पैसे भेजे या मंगाए जा सकते हैं। यूपीआई के जरिए ठग किसी व्यक्ति को डेबिट लिंक भेज देता है और जैसे ही वह उस लिंक पर क्लिक कर अपना पिन डालता है तो उसके खाते से पैसे कट जाते हैं। इससे बचने के लिए अनजान डेबिट रिक्वेस्ट को तुरंत डिलीट कर देना चाहिए। अजनबियों के लिंक भेजने पर क्लिक न करें।

क्यूआर कोड से धोखाधड़ी

क्यूआर यानी क्विक रिस्पांस कोड के जरिए जाल-साज ग्राहकों को भी लूटने का काम कर रहे हैं। इसके जरिए मोबाइल पर क्यूआर कोड भेजा जाता है और उसे पाने वाला शख्स क्यूआर कोड लिंक को क्लिक करता है तो ठग उसके मोबाइल फोन का क्यूआर कोड स्कैन कर बैंक खाते से रकम निकाल लेते हैं।

ये हैं एक्सपर्ट की सलाह

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल

कई बार हैकर आपकी कंपनी के नाम, एचआर के फेक मेल के आधार पर भी हैकिंग कर सकता है। ऐसे में जरा सी भी संदेह होने पर खुद को पुख्ता करें। हैकिंग के दौरान वह आपसे अटैचमेंट को क्लिक करने को बोल सकता है। वह कहता है कि सभी ई-मेल का डोमैन नाम, स्पेलिंग इरर और यूआरएल चेक कर लें। कौन से एप डाउनलोड और इंस्टाल कर रहे हैं, उन पर गौर करें। मजबूत पासवर्ड और फायरवॉल, कंप्यूर में किसी भी असामान्य गतिविधि और किसी अंजान मेल पर क्लिक करने से बचें। अपने मोबाइल फोन में भी एंटी वायरस का प्रयोग करें।

-सोशल मीडिया पर किसी अनचाहे ईमेल, एसएमएस या मैसेज में दिए अटैचमेंट को खोलने या क्लिक करने से बचें।

-अगर भेजने वाले का पता भी हो, तो अटैचमेंट को खोलने में ज्यादा सावधानी का ध्यान रखें।

-ईमेल, वेबसाइट में वर्तनी की गलती और अज्ञात ईमेल भेजने वालों से सावधान रहें।

एकेएस आईटी सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष सक्सेना

कोरोना वायरस से जुड़े किसी भी लिंक पर क्लिक सोच-समझकर ही करें। किसी भी मुफ्त या सस्ती चीजों के बहकावे में न आएं। घर से ऑफिस का काम करते हैं तो फायरवेल में वीपीएन कनफिगर जरूर करें। वीपीएन से सिक्योरिटी काफी बढ़ जाती है। इसका बड़ा फायदा है कि इससे जो लोग जुड़े हैं। ऐसे ईमेल या लिंक से सावधान रहें, जो खास ऑफर के साथ हो, जैसे- कोविड-19 टेस्टिंग, कोविड-19 मदद, इनामी राशि, कैशबैक ऑफर्स आदि। 


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