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अभी और रुलाएगा प्याज, आयातित पहली खेप इस महीने पहुंचने की उम्‍मीद; शहरों में मूल्य 100 के पार

उपभोक्ताओं को प्याज की किल्लत से अभी राहत नहीं मिलती नहीं दिख रही है। इसके लिए उन्हें और इंतजार करना पड़ सकता है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:26 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 01:03 AM (IST)
अभी और रुलाएगा प्याज, आयातित पहली खेप इस महीने पहुंचने की उम्‍मीद; शहरों में मूल्य 100 के पार
अभी और रुलाएगा प्याज, आयातित पहली खेप इस महीने पहुंचने की उम्‍मीद; शहरों में मूल्य 100 के पार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उपभोक्ताओं को प्याज की किल्लत से अभी राहत नहीं मिलती नहीं दिख रही है। इसके लिए उन्हें और इंतजार करना पड़ सकता है। देश के विभिन्न राज्यों की राजधानी वाले शहरों के साथ ज्यादातर महानगरों में प्याज की कीमतें एक सौ रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई हैं। सरकार ने संसद में प्याज की बढ़ती कीमतों पर पूछे सवाल के जवाब में कहा कि 20 दिसंबर तक आयातित प्याज की पहली खेप के पहुंच जाएगी।

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राजधानी वाले शहरों में कीमतें एक सौ रुपये प्रति किलो के पार

खरीफ सीजन वाली प्याज की फसल के खराब होने की वजह से पैदावार में भारी कमी आयी है। इसकी वजह से प्याज की कीमतें सातवें आसमान को छूने लगी हैं। देश के ज्यादातर राजधानी वाले शहरों में कीमतें एक सौ रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गई हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के दैनिक मूल्य निगरानी सेल की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के प्याज का अधिकतम मूल्य 165 रुपये प्रति किलो तक बोला गया है। जबकि न्यूनतम मूल्य 42 रुपये दर्ज किया गया है। देश के एक सौ से अधिक शहरों में प्याज का औसत मूल्य एक सौ रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है।

आयातित प्याज की खेप के 20 दिसंबर तक पहुंच जाने की संभावना

संसद में शायद ही कोई ऐसा दिन हो, जिस दिन प्याज की महंगाई का मुद्दा न उठ रहा हो। शुक्रवार को भी राज्यसभा में सवाल पूछे गये, जिसके जवाब में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने बताया कि आयातित प्याज की खेप के 20 दिसंबर तक पहुंच जाने की संभावना है। दुनिया के विभिन्न देशों में प्याज की उपलब्धता पर काम जारी है। सरकारी एजेंसी एमएमटीसी इस कार्य में जुटी हुई है।

घटी पैदावार के चलते कीमतें बढ़ रही

उन्होंने एक पूरक सवाल के जवाब में बताया कि खरीफ सीजन वाली प्याज में की पैदावार में भारी गिरावट आयी है। पहले मानसून के देर से सक्रिय होने और बाद में निर्धारित समय से अधिक देर तक होने वाली भारी बारिश ने प्याज की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया। घटी पैदावार के चलते कीमतें बढ़ रही हैं। लेकिन इस पर काबू पाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। आयात की संभावनाएं खंगाली जा रही है, जहां भी प्याज की उपलब्धता है, वहां से आयात की कोशिशें जारी हैं।

महानगरों में भी प्याज की महंगाई से उपभोक्ता त्रस्त

मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गुवाहाटी, अगरतला, इंफाल, शिलांग, अहमदाबाद, लखनऊ, पटना, पंचकुला शिमला, देहरादून और चंडीगढ़ में प्याज 100 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रही है। इन राजधानी वाले शहरों के अलावा महानगरों में भी प्याज की महंगाई से उपभोक्ता त्रस्त हैं।


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