कारोबारी रिश्तों के समाधान में भारत-अमेरिका ने बढ़ाया एक कदम
अमेरिका और भारत के कारोबारी रिश्ते अब और बेहतर होने वाले हैं। दरअसल दोनों ही इस पर सकारात्मक हैं।
By Jagran News NetworkEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 09:00 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कस्टम ड्यूटी की उलझन में फंसे भारत-अमेरिकी कारोबार को पटरी पर लाने की दिशा में दोनों देशों ने एक कदम आगे बढ़ाया है। दोनों देश व्यापार और आर्थिक मोर्चे पर विभिन्न मुद्दों का हल निकालने की दिशा में आधिकारिक स्तर की बातचीत शुरू करने को राजी हो गए हैं। जल्द ही दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक होगी।
दोनों देशों के बीच आधिकारिक स्तर की व्यापार वार्ता शुरू करने का फैसला इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर सौ फीसद शुल्क लगाने का आरोप लगाया था। हाल ही में भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने अमेरिका यात्रा में वहां के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर से मुलाकात की थी। इन बैठकों के बाद ही दोनों देश अधिकारी स्तर की वार्ता शुरू करने के फैसले पर पहुंचे। अपनी दो दिवसीय अमेरिका यात्रा की समाप्ति पर प्रभु ने अमेरिका में दिए एक बयान में कहा, 'अब हम दोनों व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एकसाथ मिलकर काम करेंगे।'
दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार संबंधों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए व्यापक चर्चा शुरू करने और संबंधित विवरणों पर काम करने के लिए भारत एक आधिकारिक टीम भेजेगा। यह टीम अगले कुछ सप्ताह में अमेरिका जाएगी। दोनों पक्षों के बीच व्यापार और शुल्क से जुड़ी कुछ समस्याएं हैं और अधिकारी उन सब मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
जी -7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने गए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा के क्यूबेक सिटी में भारत समेत दुनिया भर की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं पर निशाना साधा था और भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100 फीसद का शुल्क लगाने का आरोप लगाया था। हालांकि भारत ने इस्पात और एल्युमिनियम शुल्क लगाए जाने के संबंध में अमेरिका को चिट्ठी लिखी है।
प्रभु ने रॉस और लाइटहाइजर के अलावा कृषि मंत्री सोनी पर्डयू के साथ भी वार्ता की। उन्होंने दो शक्तिशाली सांसदों जॉन कॉर्नन और मार्क वॉर्नर से भी मुलाकात की। जानकारों के मुताबिक अधिकांश बैठकें दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित थीं। इसमें दोनों पक्षों की चिंताओं को दूर करने के लिए तरीके खोजने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अपने दौरे में प्रभु ने भारत-अमेरिका व्यापार परिषद (यूएसआइबीसी) और भारत-अमेरिका सामरिक भागीदारी मंच (यूएसआइएसपीएफ) द्वारा आयोजित बैठकों में व्यापार और उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्तियों को संबोधित किया और अन्य भागीदारों के साथ भी बैठक की।
दोनों देशों के बीच आधिकारिक स्तर की व्यापार वार्ता शुरू करने का फैसला इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर सौ फीसद शुल्क लगाने का आरोप लगाया था। हाल ही में भारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने अमेरिका यात्रा में वहां के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर से मुलाकात की थी। इन बैठकों के बाद ही दोनों देश अधिकारी स्तर की वार्ता शुरू करने के फैसले पर पहुंचे। अपनी दो दिवसीय अमेरिका यात्रा की समाप्ति पर प्रभु ने अमेरिका में दिए एक बयान में कहा, 'अब हम दोनों व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एकसाथ मिलकर काम करेंगे।'
दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार संबंधों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए व्यापक चर्चा शुरू करने और संबंधित विवरणों पर काम करने के लिए भारत एक आधिकारिक टीम भेजेगा। यह टीम अगले कुछ सप्ताह में अमेरिका जाएगी। दोनों पक्षों के बीच व्यापार और शुल्क से जुड़ी कुछ समस्याएं हैं और अधिकारी उन सब मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
जी -7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने गए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा के क्यूबेक सिटी में भारत समेत दुनिया भर की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं पर निशाना साधा था और भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100 फीसद का शुल्क लगाने का आरोप लगाया था। हालांकि भारत ने इस्पात और एल्युमिनियम शुल्क लगाए जाने के संबंध में अमेरिका को चिट्ठी लिखी है।
प्रभु ने रॉस और लाइटहाइजर के अलावा कृषि मंत्री सोनी पर्डयू के साथ भी वार्ता की। उन्होंने दो शक्तिशाली सांसदों जॉन कॉर्नन और मार्क वॉर्नर से भी मुलाकात की। जानकारों के मुताबिक अधिकांश बैठकें दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित थीं। इसमें दोनों पक्षों की चिंताओं को दूर करने के लिए तरीके खोजने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अपने दौरे में प्रभु ने भारत-अमेरिका व्यापार परिषद (यूएसआइबीसी) और भारत-अमेरिका सामरिक भागीदारी मंच (यूएसआइएसपीएफ) द्वारा आयोजित बैठकों में व्यापार और उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्तियों को संबोधित किया और अन्य भागीदारों के साथ भी बैठक की।
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