रायपुर में मुनाफाखोर अस्पतालों से वापस कराए दस लाख रुपये, कोरोना के इलाज के नाम पर अधिक राशि वसूली का मामला
पीड़ितों ने स्वास्थ्य विभाग से शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करने और जांच अधिकारियों की मिली भगत का आरोप लगाया था। खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग ने मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोरोना के इलाज के लिए निर्धारित दर से अधिक रकम वसूलने के मामले में दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया में खबर प्रकाशित होने के बाद गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी। इसके बाद अधिकारियों ने लाखों रुपये अधिक वसूलने वाले अस्पतालों से पांच पीड़ितों को दस लाख रुपये की राशि वापस करवाई। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों को भी जांच में ईमानदारी दिखाने की नसीहत दी। वहीं समझौते के लिए पीड़ितों पर दबाव के आरोप के जांच के निर्देश दिए गए हैं।
निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर अधिक वसूली की शिकायतें और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा 'बिचौलिया' की भूमिका निभाने की खबर नईदुनिया ने 20 मई, 2021 को रायपुर संस्करण में प्रकाशित की थी। इसमें कुछ पीड़ितों ने स्वास्थ्य विभाग से शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करने और जांच अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया था। खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग ने मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया पीड़ित सुनील साहू को दो लाख 55 हजार, दीपक साहू को एक लाख 45 हजार, भूपेंद्र चंद्रकार को तीन लाख 25 हजार और घनश्याम साहू को दो लाख रुपये का चेक बांठिया अस्पताल से दिलवाया। यह राशि अस्पताल द्वारा मरीजों के स्वजन से अतिरिक्त वसूली गई थी। साथ ही सनसाइन अस्पताल से एक महिला को दो लाख रुपये वापस कराए गए हैं। वहीं, अन्य अस्पतालों पर भी कार्रवाई की जा रही है।
रायपुर की सीएमएचओ डा. मीरा बघेल ने कहा, 'अस्पतालों द्वारा अधिक वसूली पर पांच पीड़ितों को करीब 10 लाख रुपये वापस कराए गए हैं। अभी जितनी शिकायतें आई थीं, उन पर कार्रवाई हुई है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। पीड़ितों ने समझौते को लेकर दबाव का जो आरोप लगाया है, उसे लेकर जांच के निर्देश दिए हैं।'