पिछले 48 वर्ष में हर दिन 10 से ज्यादा आतंकी हमले झेल रही दुनिया, जानें- भारत व पड़ोसी देशों का हाल
1970 से 2017 यानी पिछले 48 वर्षों में दुनिया भर में हुए कुल 1.8 लाख आतंकी हमलों में से 31 फीसद हमले दक्षिण एशिया में हुए जिनमें दुनिया की कुल 29 फीसद मौतें हुईं।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। पड़ोसी देश श्रीलंका में हुए आतंकी हमलों से दक्षिण एशिया में आतंक के खूनी छींटें और सुर्ख हो चली है। इस क्षेत्र में यह पिछले 15 वर्षों का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। 1970 और 2017 के बीच दुनिया भर में हुए आतंकवादी हमलों और उनमें हताहतों के विश्लेषण से पता चलता है कि दक्षिण एशिया दुनिया का दूसरा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है। वैश्विक आतंकवाद पर सबसे व्यापक ग्लोबल टेरर डाटाबेस (जीटीडी) के विश्लेषण की भयावह तस्वीर बताती है कि 1970 से 2017 यानी पिछले 48 वर्षों में दुनिया भर में हुए कुल 1.8 लाख आतंकी हमलों में से 31 फीसद हमले दक्षिण एशिया में हुए जिनमें दुनिया की कुल 29 फीसद मौतें हुईं।
शीर्ष पर एमईएनए
कुल आतंकी वारदातों के मामले में मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) सबसे आगे रहे।
दक्षिण एशिया में बड़ी आतंकी वारदातें
2002 और 2017 के बीच, दक्षिण एशिया में 31,959 आतंकी हमले हुए, जिसमें 59,229 लोगों की जान गई।
21 अप्रैल, 2019, श्रीलंका, 290 मौतें
26 नवंबर, 2008, मुंबई, 150 प्लस
2014, पेशावर, 150 मौतें
नासूर बना आतंक
आठवें दशक की शुरुआत में दक्षिण एशिया आतंकवादी हमलों से बहुत हद तक मुक्त था। धीरे-धीरे इस क्षेत्र में आतंकी हमलों की संख्या बढ़ती गई। 1970 में यहां 651 आतंकी हमले हुए। 2014 में यह आंकड़ा 17 हजार पार हो गया। हालांकि, अगले तीन वर्षों में हमलों में गिरावट दिखी और 2017 तक 10,897 रह गई।
सबसे प्रभावित देश
2018 की अपनी नवीनतम रैंकिंग में ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (जीटीआइ) ने तीन दक्षिण एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत और पाकिस्तान) को आतंकवाद से प्रभावित शीर्ष 10 देशों की सूची में शामिल किया है। इस सूची में इराक पहले और अफगानिस्तान दूसरे स्थान पर है। वहीं पाकिस्तान पांचवें और भारत सातवें स्थान पर है।
कम प्रभावित रहे नेपाल और श्रीलंका
2018 वैश्विक आतंकवाद सूचकांक के मुताबिक 2002-2017 के बीच, श्रीलंका और नेपाल ऐसे दक्षिण एशियाई देश थे, जहां आतंक का घाव भरता दिखा।