मोदी-ट्रंप की जुगलबंदी का अमेरिका में फिर चल सकता है जादू, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अमेरिका में हुए ओपेनियन में बिडेन आगे चल रहे हैं और उनकी नेशनल लीड भी ट्रंप के मुकाबले काफी अधिक है। इसके बाद भी अभी सटीक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है कि इसमें कौन जीतेगा।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने जहां राष्ट्रपति पद के लिए जो बिडेन और उपराष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस को अपना आधिकारिक प्रत्याशी बनाया है वहीं रिपब्लिकन ने एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति और माइक पेंस को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही तरफ से प्रत्याशी खुद को मजबूत बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया जाना डेमोक्रेट के हक में जा सकता है। लेकिन जानकार इस बारे में कुछ और ही राय रखते हैं।
ऑब्जरवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का कहना है कि अब से पहले कभी कमला ने खुद को भारतीय के तौर पर न तो पेश ही किया है और न ही कभी इसका खुलासा ही किया। हालांकि भारतीय-अमेरिकी समुदाय डेमोक्रेट को वोट देता रहा है। लेकिन, बीते कुछ वर्षों के दौरान भारत-अमेरिका के रिश्तों की बात करें तो इसमें मोदी-ट्रंप की जुगलबंदी ने नए समीकरण तैयार किए हैं। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के लिए काफी कुछ बेहतर किया है और रिश्तों को मजबूत किया है। दोनों ने ही एक दूसरे के यहां पर जाकर एक दूसरे की तारीफों के पुल बांधे हैं। पीएम मोदी ने चीन और पाकिस्तान पर ट्रंप के रुख की तारीफ की है। इसका असर ये हुआ है कि डेमोक्रेट को वोट करने वाला भारतीय-अमेरिकी समुदाय अब बंट चुका है। वह पीएम नरेंद्र मोदी की बदौलत काफी कुछ रिपब्लिकन को पसंद करने लगे हैं।
प्रोफेसर पंत कमला हैरिस को मजबूत दावेदार नहीं मानते हैं। उनके मुताबिक वो केवल डेमोक्रेट्स के लिए एक मोहरा मात्र हैं, जिन्हें भारतीयों को रिझाने के लिए ही प्रत्याशी बनाया गया है। वहां पर रहने वाले भारतीय-अमेरिकी पीएम मोदी से ज्यादा प्रभावित हैं, न की कमला हैरिस से। उनके मुताबिक दोनों देशों के बीच ट्रंप के बयानों की वजह से इस दौरान कुछ दिक्कतें भी रहीं हैं लेकिन इसके उलट राष्ट्रपति ट्रंप ने कई मौकों पर भारतीयों और भारत के नेतृत्व की जमकर तारीफ की है। ट्रंप ने कई बार भारतीयों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में एक मजबूत हिस्सा बताया है।
पंत का कहना है कि अमेरिका से भी जो खबरें आ रही हैं उसमें भी भारतीय-अमेरिकी समुदाय में टूट साफतौर पर दिखाई दे रही है। यही वजह है कि अब समीकरण बदल रहे हैं। हालांकि, ओपेनियन पोल में वहां पर फिलहाल बिडेन आगे दिखाई दे रहे हैं। इसके बावजूद अभी चुनाव में दो महीने से अधिक का समय बचा है, जिसमें ट्रंप अपनी वापसी कर सकते हैं। उनका ये भी कहना है कि पिछले चुनावों में ओपेनियन पोल के दौरान हिलेरी क्लिंटन को जीतते हुए बताया जा रहा था लेकिन हुआ इसका उलट। चार माह के अंदर दूसरी बार अश्वेत नागरिक पर पुलिस के अत्याचार के मुद्दे पर पंत मानते हैं कि मिडिल अमेरिका में ज्यादातर इस मुद्दे को कानून व्यवस्था का मुद्दा मानते हैं। इसका सीधा फायदा ट्रंप को हो सकता है। वो ये भी मानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में कौन बाजी मारेगा ये कहना काफी अभी जल्दबाजी होगी।
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