Republic Day: गणतंत्र दिवस के मौके पर इन वीर जवानों को मिला शौर्य चक्र
हर बार की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस पर वीर जवानों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा रहा है।
नई दिल्ली, एजेंसियां । देश में आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ अभियानों में बहादुरी का परिचय देने वाले सेना के छह सैनिकों को शौर्य चक्र दिया गया है। इनमें से एक जवान को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया है। सेना ने बताया कि जिन लोगों को यह सम्मान प्रदान किया गया है उनमें लेफ्टिनेंट कर्नल ज्योति लामा, मेजर के बिजेंद्र सिंह, नायब सूबेदार नरेंदर सिंह और नायक नरेश कुमार तथा सिपाही कर्मदेव उरांव शामिल हैं। नायब सूबेदार सोमबीर को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। पिछले साल फरवरी में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सोमबीर शहीद हो गए थे। लेकिन शहीद होने से पहले उन्होंने एक खूंखार विदेशी आतंकी को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए थे। सेना के अधिकारी ने बताया कि सेना के उत्तरी कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह समेत 19 उच्च अधिकारियों को परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है। गणतंत्र दिवस के मौके पर कुल 151 सेना मेडल और आठ युद्ध सेवा मेडल की घोषणा भी की गई है।
चिदंबरम को गिरफ्तार करने वाले सीबीआइ डिप्टी एसपी को राष्ट्रपति पुलिस पदक
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को गिरफ्तार करने के लिए दीवार फांद कर उनके घर में घुसने वाले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के डिप्टी एसपी रामस्वामी पार्थसारथी को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। आइएनएक्स मीडिया मामले में उन्होंने चिदंबरम के बेटे कार्ति को भी गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से पहले भारतीय नागरिक को प्रत्यर्पित कर स्वदेश लाने वाली टीम की अगुआई करने वाले धीरेंद्र शंकर शुक्ला समेत अन्य 27 कर्मियों को भी राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस को सबसे ज्यादा 108 वीरता पुरस्कार
गृह मंत्रालय के मुताबिक गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कुल 290 वीरता पदक प्रदान किए गए हैं। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर पुलिस को सबसे ज्यादा 108 वीरता पुरस्कार मिले हैं। कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लड़ाई में अदम्य साहस और वीरता दिखाने वाले पुलिस के जवानों को सम्मानित किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस को चार में से तीन राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी)भी मिले हैं।
सीआरपीएफ को 76 वीरता पदक
जम्मू-कश्मीर पुलिस के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) को सबसे ज्यादा 76 वीरता पदक मिले हैं, इनमें एक राष्ट्रपति पुलिस पदक भी शामिल है। सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो उत्पल रंभा को मरणोपरांत राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी) से नवाजा गया है। रंभा जून 2018 में झारखंड में माओवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में सीआरपीएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है।
नरेश कुमार को छठीं बार वीरता पदक
पदक पाने वालों में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार भी शामिल हैं। इन्हें छवीं बार वीरता पदक मिला है। नरेश कुमार श्रीनगर में तैनात सीआरपीएफ के क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) में तैनात थे, जो आतंकवाद रोधी अभियान के लिए जानी जाती है। 34 साल के नरेश कुमार कश्मीर में पांच साल की तैनाती के दौरान कई आतंकरोधी अभियान में शामिल हुए, जिनमें 50 आतंकवादी मार गिराए गए थे।इसके अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों में सीमा सुरक्षा बल को नौ, सशस्त्र सीमा बल को चार और रेलवे सुरक्षा बल को एक वीरता पदक मिला है। जबकि, राज्य पुलिस में झारखंड पुलिस को 33, ओडिशा पुलिस को 16, दिल्ली पुलिस को 12, महाराष्ट्र पुलिस को 10, छत्तीसगढ़ पुलिस को आठ, बिहार पुलिस को सात, पंजाब पुलिस को चार और मणिपुर पुलिस को दो वीरता पदक मिले हैं।
सीआइएसएफ के 29, आइटीबीपी के 15 कर्मियों को पुलिस सेवा पदक
गणतंत्र दिवस के मौके पर एक हजार से ज्यादा पुलिस पदकों की भी घोषणा की गई है। इनमें 93 विशिष्ट पुलिस मेडल और 657 मेधावी सेवा पदक शामिल हैं। औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआइएसएफ) के 29 कर्मियों और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के 15 कर्मियों को विभिन्न पुलिस सेवा पदकों से नवाजा गया। दोनों अर्धसैनिक बलों के प्रवक्ताओं ने शनिवार को यह जानकारी दी। पदक प्राप्त करने वालों में सीआइएसएफ के वरिष्ठ कमांडेंट विष्णु स्वरूप और सहायक कमांडेंट अब्दुस सलाम भी शामिल हैं। वहीं, आइटीबीपी के कर्मचारियों में कमान में दूसरे नंबर की रैंक के अधिकारी रतन सिंह सोनल, अनुभाग अधिकारी सी. दुरई राज और उपमहानिरीक्षक एएस रावत तथा निशित चंद्रा को विशिष्ट एवं सराहनीय सेवा के लिए पदक दिया गया है। सोनल जाने-माने पर्वतारोही हैं जो कई बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल कर चुके हैं। उन्होंने पिछले साल उत्तराखंड में एक पर्वत चोटी के पास फंसे सात लोगों के शवों को निकालने के अत्यंत मुश्किल अभियान के दौरान आइटीबीपी के पर्वतारोहियों की टीम का नेतृत्व किया था।