लॉकडाउन में बढ़े महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले, ब्राजील और मेक्सिको में आए रिकॉर्ड केस
लॉकडाउन के दौरान भी महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा में कोई कमी नहीं आई है। कुछ देशों में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस पर यूएन वूमेन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने चिंता जताई है।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। 25 नवंबर का दिन हर वर्ष पूरी दुनिया में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इस ओर हमारे समाज और देशों की सरकारों ने कोई खास वृद्धि नहीं की है। यूएन के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि दुनिया के कई देशों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में काफी तेजी आई है। इन आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया में जहां दुष्कर्म के मामलेां में तेजी आई है वहीं पेरू में लापता होने वाली महिलाओं की संख्या में तेजी देखी गई है। यूएन वूमेन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फूमजिले म्लेंबो नगुका ने दुनिया के सभी देशों से इस दिशा में काम करने की अपील की है। उन्होंने महामारी के दौरान बढ़ते मामलों पर भी चिंता जाहिर की है।
यूएन की रिपोर्ट ये भी बताती है कि ब्राजील और मेक्सिको में महिलाओं की हत्याओं का ग्राफ पहले की अपेक्षा काफी ऊपर चला गया है। इस रिपोर्ट की सबसे खास बात ये भी रही है कि इसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपरोधों में कोई कमी आती नहीं दिखाई दी है। रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक महामारी के दौरान महिलाओं के खिलाफ हुई घरेलू हिंसा के मामले कई देशों में बढ़े हैं। इनमें दक्षिणी अमेरिकी देश अर्जेटीना, यूरोप के फ्रांस और एशियाई देश सिंगापुर भी शामिल है। इसके अलावा भूमध्य सागर में स्थित देश साइप्रस भी इसी सूची में शामिल है।
रिपोर्ट की मानें तो लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा में अर्जेंटीना में 25 फीसद, फ्रांस में 30 फीसद, सिंगापुर में 33 फीसद और साइप्रस में भी 30 फीसद की बढ़ोतरी आई है। ब्राजील की बात करें तो मौजूदा वर्ष के शुरुआती छह माह में यहां पर महिलाओं की हत्या के मामलों ने पुराने रिकार्ड तोड़ दिए हैं। इस दौरान 648 महिलाओं की हत्या के मामले सामने आए। हालांकि ब्राजीलियाई फोरम का कहना है कि इस दौरान पिछले साल की अपेक्षा इस तरह के अपराध कुछ ही ज्यादा बढ़े हैं।
इस फोरम का ये भी मानना है कि इस तरह के अपराधों को रोकने और अपराध को दर्ज कराने के लिए सरकार ने जो अभियान चलाया है वो काफी हद तक नाकाफी है। एएफपी के मुताबिक मोरक्को की एसोसिएशन ने घर को महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक बताया है। यूएन ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि विश्व के आठ में से केवल एक देश ने महिलाओं और बच्चों पर कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के उपाय किए हैं। गौरतलब है कि यूएन की ये रिपोर्ट सितंबर में सामने आई थी।