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कोरोना काल में दुनिया के नामी-गिरामी डॉक्टर राजस्थान के अस्पतालों में करेंगे वर्चुअल इलाज

कोरोना महामारी के सख्त लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सूबे के प्रवासियों को जोड़ने की शुरू की गई कोशिश के परिणामस्वरूप इन डाक्टरों ने सूबे के लिए अपनी सेवाएं और सलाह मुफ्त देने की हामी भरी है

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 07:36 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 07:36 PM (IST)
कोरोना काल में दुनिया के नामी-गिरामी डॉक्टर राजस्थान के अस्पतालों में करेंगे वर्चुअल इलाज
इन डॉक्टरों ने सूबे के लिए अपनी सेवाएं और सलाह मुफ्त देने की हामी भरी है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना काल में सबसे गंभीर चुनौती का मोर्चा बने स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था क्षेत्र को उबारने की राजस्थान की पहल पर सूबे से जुड़े प्रवासी भारतीयों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, सिंगापुर समेत दुनिया के कई देशों के करीब 50 शीर्ष डाक्टर राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में टेलि-मेडिसन से लेकर आइसीयू तक में वर्चुअल तरीके से विशेषज्ञता इलाज में योगदान करेंगे। इन विशेषज्ञों में कैंसर, मिर्गी, हृदयरोग, ब्रेन स्ट्रोक आदि से जुड़े दुनिया के नामी-गिरामी डॉक्टर शामिल हैं।

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कोरोना महामारी के सख्त लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सूबे के प्रवासियों को जोड़ने की शुरू की गई कोशिश के परिणामस्वरूप इन डॉक्टरों ने सूबे के लिए अपनी सेवाएं और सलाह मुफ्त देने की हामी भरी है। कोरोना काल में प्रवासी राजस्थानियों से वर्चुअल संवाद की पहल गहलोत ने मई महीने में की और पहली ही बैठक में दुनिया के करीब 140 देशों में रहने वाले सूबे के अपने क्षेत्रों में अग्रणी 170 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें डाक्टर और कारोबारी-उद्योगपति भी थे।

डॉक्टरों ने निशुल्क योगदान देने के लिए भेजा प्रस्ताव

राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव के मुताबिक बीते चार महीने के दौरान हुए तीन संवादों का ही नतीजा है कि दुनिया के दर्जनों शीर्ष प्रवासी डॉक्टरों ने राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी लाने के लिए निशुल्क अपना योगदान करने का अपना प्रस्ताव भेज दिया है। इनमें अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध जॉन हापकिंस मेडिकल सेंटर के स्ट्रोक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डा राठौर जैसे नाम भी शामिल हैं। सूबे के प्रवासियों को जोड़ने वाला राजस्थान फाउंडेशन प्रदेश सरकार का संगठन है और मुख्यमंत्री गहलोत खुद इसके अध्यक्ष हैं।

सूबे के प्रवासी डॉक्टरों ने अपनी विशेषज्ञता और समय के हिसाब से सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी लाने के लिए अलग-अलग तरीके की सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया है। इनमें राज्य के मेडिकल कॉलेज के छात्रों को वर्चुअल क्लास के जरिये विशेषज्ञ लेक्चर देना, जयपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हाइपर एक्यूट स्ट्रोक सेंटर शुरू करने से लेकर सूबे में एपीलेप्सी सर्जरी की पहली सुविधा शुरू करने जैसी पेशकश शामिल हैं।


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