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Omicron Variant: डेल्टा की तरह घातक नहीं दिख रहा ओमिक्रोन वैरिएंट, जानिए क्या हैं इसके लक्षण

Omicron Variant News ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका की डाक्टर की मानें तो इसका संक्रमण बहुत ही ज्यादा माइल्ड है। इससे संक्रमित किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 09:59 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 10:06 PM (IST)
Omicron Variant: डेल्टा की तरह घातक नहीं दिख रहा ओमिक्रोन वैरिएंट, जानिए क्या हैं इसके लक्षण
नए वैरिएंट के कारण मची अफरा तफरी के बीच दक्षिण अफ्रीका से आ रही राहत की खबर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया भर के वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस का नया ओमिक्रोन वैरिएंट कितना संक्रामक और घातक है। लेकिन इसकी उत्पत्ति की जगह दक्षिण अफ्रीका से राहत की खबर आ रही है। ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका की डाक्टर की मानें तो इसका संक्रमण बहुत ही ज्यादा माइल्ड है। इससे संक्रमित किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। यही नहीं, किसी भी मरीज का न तो आक्सीजन का स्तर कम हुआ है और न ही सूंघने और स्वाद की शक्ति कमजोर हुई।

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जाहिर है ओमिक्रोन वैरिएंट भारत में दूसरी लहर के दौरान तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट की तरह घातक नहीं दिख रहा है। ओमिक्रोन वैरिएंट के अत्यधिक माइल्ड होने की सूचना के बावजूद इसे रोकने के लिए बहुत ज्यादा सतर्कता की वजह पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर चिंता का वायरस घोषित किये जाने के बाद इसे लेकर पूरी तरह सावधानी बरतना जरूरी है।

उनके अनुसार दक्षिण अफ्रीका के डाक्टर के दावे के बावजूद नए वैरिएंट के ज्यादा संक्रामक या घातक होने के बारे में अभी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। अभी इस वैरिएंट को रोकने में टीके की कारगरता के बारे में कुछ पता नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले एक हफ्ते में स्थिति बहुत कुछ साफ हो जाएगी। उसके बाद इसको लेकर बेहतर रणनीति बनाई जा सकेगी। फिलहाल इस वैरिएंट को फैलने के लिए हर संभव सावधानी बरतने की कोशिश की जा रही है।

जानिए क्या हैं इसके लक्षण

ध्यान देने की बात है कि 18 नवंबर से अभी तक ओमिक्रोन वैरिएंट से ग्रसित कई मरीजों का इलाज करने वाली दक्षिण अफ्रीका की डाक्टर एंजेलिक कोएट्जी के अनुसार इसके लक्षण अत्यधिक माइल्ड दिखते हैं। इससे ग्रसित मरीज में सिर्फ थकान, बदन दर्द और सिरदर्द की शिकायत देखने को मिली है, जो किसी भी वायरल इंफेक्शन में सामान्य लक्षण है। उनके अनुसार इलाज के दौरान किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी और न ही आक्सीजन की कमी देखने को मिली। इसके विपरीत डेल्टा वैरिएंट से ग्रसित मरीजों में आक्सीजन की बड़ी कमी देखने को मिल रही थी। इसकी वजह से अस्पताल में उन्हें भर्ती कराना जरूरी हो जाता था। इसकी वजह के दूसरी लहर के दौरान भारत में आक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ा था और आक्सीजन आपूर्ति बाधित होने की वजह से मरीजों की मौत की भी खबरें आई थीं।


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