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ओमिक्रोन को लेकर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक, अधिकारियों से राज्यों के साथ एक होकर काम करने को कहा

कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में महामारी की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की। नया वैरिएंट के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री ने दूसरी बार समीक्षा बैठक की।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 04:38 PM (IST)Updated: Fri, 24 Dec 2021 12:51 AM (IST)
ओमिक्रोन को लेकर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक, अधिकारियों से राज्यों के साथ एक होकर काम करने को कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोविड-19 को लेकर एक समीक्षा बैठक की।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन 16 राज्यों तक पहुंच गया है, लिहाजा सरकार सतर्क हो गई है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वैरिएंट के प्रति सतर्क और सावधान रहने के निर्देश दिए। राज्यों के साथ बेहतर तालमेल के साथ ओमिक्रोन से निपटने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कम टीकाकरण और अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में केंद्रीय टीमें भेजकर राज्यों को सहयोग करने को कहा। देश में टीकाकरण अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सभी व्यस्क लोगों के पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने की जरूरत है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने ओमिक्रोन वैरिएंट का पता लगने के बाद 27 नवंबर को जारी पहली एडवाइजरी के बाद से अब तक उठाए गए कदमों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

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बैठक की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने देश और दुनिया में ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमण की ताजा स्थिति पर संक्षिप्त प्रजेंटेशन दिया। साथ ही इससे निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी दिशानिर्देशों के बारे में बताया। ओमिक्रोन से संक्रमित लोगों के राज्यवार आंकड़ों के साथ प्रधानमंत्री को संक्रमितों के टीकाकरण, अस्पताल में भर्ती के दौरान इलाज की जरूरतों आदि की विस्तृत जानकारी दी गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 27 नवंबर के बाद से वे लगातार राज्यों के साथ संपर्क में हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं।

बेहतर तालमेल के साथ काम करने का निर्देश

प्रजेंटेशन के बाद प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को राज्यों के साथ बेहतर तालमेल के साथ काम करने का निर्देश दिया। उनका कहना था कि इससे निपटने के लिए राज्यों और केंद्र को एक होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और इससे बचने के लिए मास्क, दो गज की दूरी और सफाई जैसे कोरोना अनुकूल व्यवहार अब भी उतने ही अहम हैं। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि नए वैरिएंट से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए पूरे देश में जिला स्तर पर स्वास्थ्य ढांचा तैयार हो जिसमें आक्सीजन संयंत्रों का पूरी तरह चालू होना भी शामिल है। साथ ही इन संयत्रों को चलाने के लिए प्रशिक्षित और कुशल कामगारों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि जमीनी स्तर पर एंबुलेंस, आइसोलेशन की जगह और होम आइसोलेशन की स्थिति में निगरानी तंत्र पूरी तरह तैयार रहे।

हाटस्पाट और क्लस्टर पर कड़ी नजर रखने की जरूरत

ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण बनने वाले हाटस्पाट और क्लस्टर पर कड़ी नजर रखने की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को अधिक से अधिक कोरोना पाजिटिव सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इंसाकोग (इंडियन सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) के तहत आने वाली प्रयोगशालाएं जीनोम सिक्वेंसिंग का काम प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें। एक बार ओमिक्रोन की पहचान हो जाने के बाद उनके संपर्क में आए लोगों की तत्काल पहचान कर उनकी टेस्टिंग सुनिश्चित करने को भी कहा। उनका कहना था कि टेस्टिंग और ट्रेंसिंग के जरिये ही संक्रमण को रोकने में सफलता मिलेगी। बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, गृह सचिव अजय भल्ला, नीति आयोग के सदस्य डाक्टर वीके पाल, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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