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लॉकडाउन के दौरान अपमान, अभाव से त्रस्त पूर्वोत्तर के लोगों की मदद करेंगे अफसर; जारी किए व्हाट्सएप नंबर

देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे पूर्वोत्तर को लोगों को कोरोना वायरस को लेकर नस्ली तौर पर अपमानित किए जाने के मामले सामने आ रहे थे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 08:34 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 08:36 PM (IST)
लॉकडाउन के दौरान अपमान, अभाव से त्रस्त पूर्वोत्तर के लोगों की मदद करेंगे अफसर; जारी किए व्हाट्सएप नंबर
लॉकडाउन के दौरान अपमान, अभाव से त्रस्त पूर्वोत्तर के लोगों की मदद करेंगे अफसर; जारी किए व्हाट्सएप नंबर

नई दिल्ली, आइएएनएस। लॉकडाउन के दौरान नस्ली टिप्पणी व अपमान की घटनाओं से सहमे पूर्वोत्तर के लोगों की मदद के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) व भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के अधिकारियों ने हाथ मिलाया है। इस सिलसिले में सातों दिन चौबीसों घंटे चलने वाले एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। साथ ही गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की मदद से दो व्हाट्सएप नंबर 8011034569 व 8527320763 जारी किए गए, जिनके जरिये जरूरतमंदों को राशन व अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।

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नस्लीय तौर पर अपमानित किए जाने मामले आ रहे थे सामने

देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे पूर्वोत्तर को लोगों को कोरोना वायरस को लेकर नस्ली तौर पर अपमानित किए जाने के मामले सामने आ रहे थे। यहां तक कि मकान मालिक किराया न देने पर घर से निकालने की धमकी भी दे रहे थे। इसे देखते हुए दिल्ली के आइपीएस अधिकारी रॉबिन हिबु ने निजी तौर पर पूर्वोत्तर के लोगों की मदद के लिए देशभर के 33 आइएएस व आइपीएस अधिकारियों से संपर्क किया। इनमें कुछ पूर्वोत्तर के भी थे। वे लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे पूर्वोत्तर के लोगों की मदद के लिए तैयार हो गए।

सुविधाओं का नहीं ले पा रहे थे लाभ

रॉबिन ने कहा कि जानकारी के अभाव में लॉकडाउन में फंसे पूर्वोत्तर के लोग सरकारी राशन आदि सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे। दस्तावेज न होना भी एक दिक्कत थी। नगालैंड, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा व सिक्किम के लोगों के साथ भाषा की दिक्कत भी थी। नेटवर्क कमजोर होने के कारण लोग पैसे भी हस्तांतरित नहीं कर पा रहे हैं। इसे देखते हुए ही उनकी मदद की पहल की गई।


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