शशिकांत तिवारी। आपकी उम्र कम हो या ज्यादा दिल को दुरुस्त रखने की जरूरत है, क्योंकि इसकी धड़कन से ही हमारी जिंदगी चलती है। कई बार दिल इस तरह से धोखा देता है कि हम-आप कुछ कर भी नहीं सकते हैं। मिनटों में सब कुछ खत्म हो जाता है। हां, यदि आप अपने दिल का ध्यान रखते हैं तो वह कभी धोखा नहीं देगा। इसके लिए हम सभी को कुछ विशेष नहीं करना है, बस कुछ बळ्री आदतों से बचना है। अच्छा खानपान रखना है और व्यायाम करना है। बुरी आदतों में दिल का सबसे बड़ा दुश्मन धूमपान है।
धूमपान और तंबाकू का अन्य रूप से सेवन करने वालों को दिल की बीमारी होने का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले कई गुना ज्यादा रहता है। इसके अलावा मोटापा दिल का प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से दुश्मन है। मोटे लोगों को दिल की बीमारी होने का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले तीन से चार गुना ज्यादा रहता है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी इन्हें घेर लेती हैं, जो दिल को नुकसान पहुंचाती हैं। कोरोना संक्रमण के बाद दिल की बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है। इसकी वजह से कोरोना के गंभीर मरीजों में रक्त गाढ़ा होकर नसों में जमने लगता है। इससे दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। जानें क्या कहते है भोपाल के आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गौरव खंडेलवाल।
दिल का दौरा पड़ने के लक्षण
सीने में अति बेचैनी, दबाव, दर्द, जकड़न और भारीपन होता है। एकदम सांस फूलने लगती है। डायबिटीज के मरीजों में कई बार दर्द नहीं होता, लेकिन सांस फूलती है। एसिडिटी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जी मिचलाने लगता है। शरीर ठंडा होना और पसीना आना। इस तरह के लक्षण दिखने पर अस्पताल पहुंचने तक डिस्प्रिन की एक गोली चबाकर खा सकते हैं। सीढ़ी न चढ़ें और आराम से बैठ जाएं। जितनी जल्दी हो सके नजदीकी अस्पताल जाएं।
दिल की बीमारी वाले कोरोना से रहें सावधान: कोरोना के कुल मरीजों में करीब पांच फीसद को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, लेकिन यदि मरीज हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, दिल की बीमारियों या अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं तो उनमें पंद्रह से बीस फीसद की जान जाने का खतरा रहता है। ऐसे में इन मरीजों को कोरोना संक्रमण काल में बहुत संभलकर रहने की जरूरत है। दिल के पुराने रोगी आजकल कोरोना के डर से इलाज के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन उन्हें चाहिए कि अगर इस तरह की समस्या है तो कतई अनदेखी न करें। भले ही घर में ही ब्लड प्रेशर और डायबिटीज नापने की मशीन रख लें। इसके साथ ही जो दवाएं पहले से चल रही हैं, उन्हें बिल्कुल बंद न करें और अपने चिकित्सक से फोन पर सलाह लेते रहें। अचानक कोई तकलीफ बढ़ने पर नजरअंदाज न करें और तुरंत अस्पताल पहुंचें।
लापरवाही ठीक नहीं: इन दिनों कई ऐसे मरीज भी आ रहे हैं, जिन्हें पहले से दिल की तकलीफ है या दिल के काम करने की क्षमता कम है। ऐसे रोगियों को सांस फूलने की समस्या होती है तो वे सोचते हैं कि यह तो दिल की पुरानी बीमारी की वजह से है। कई दिनों तक इसकी अनदेखी करने के बाद जब तकलीफ बढ़ती है तो वे अस्पताल पहुंचते हैं और फिर जांच में पता चलता है कि सांस फूलने की वजह कोरोना का संक्रमण है।
युवाओं को भी नहीं है कम खतरा: खानपान में बदलाव और अनियमित दिनचर्या के कारण अब युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। तीस से पचास की उम्र के लोगों में दिल की बीमारी के चलते अटैक पड़ने की संभावना काफी बढ़ गई है। ऐसे में युवाओं को यह गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए कि यह बुजुर्गों की बीमारी है। उन्हें अपने खानपान में संतुलित भोजन लेना चाहिए और उन चीजों से दूरी बनानी है, जो दिल के लिए खतरनाक हैं। व्यस्तता के बीच भी हर दिन कम से कम पैंतालिस मिनट तेजी से टहलने का समय जरूर निकालें। तनाव से बचने के लिए योग और ध्यान कम से कम आधे घंटे करें और पर्याप्त नींद लें। धूमपान और शराब के सेवन से बचें। फास्ट फूड में तेल और नमक की मात्रा ज्यादा रहती है। इसलिए इनसे भी परहेज करना चाहिए।
कब कराएं जांच: जिन्हें पहले से कोई तकलीफ नहीं है या घर में किसी को दिल की बीमारी नहीं है, उन लोगों को पैंतीस की उम्र के बाद हर तीन साल में ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए। जिन मरीजों को पहले से ब्लड प्रेशर या डायबिटीज है, उन्हें महीने में एक बार ब्लड प्रेशर और तीन महीने में एक बार शुगर व कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना आवश्यक होता है।
अधिक नमक न खाएं
नमक में सोडियम होता है, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। हाई ब्लड प्रेशर से लकवा, किडनी में खराबी और दिल की बीमारियां होती हैं
हर दिन दो-तीन ग्राम (आधी छोटी चम्मच) से कम नमक खाना चाहिए
हाई बीपी और चालीस साल से ज्यादा के लोगों को रोज सिर्फ डेढ़ ग्राम नमक खाना चाहिए। काला या सेंधा नमक सामान्य नमक से कम नुकसानदायक है
दिल को दुरुस्त रखने के लिए नियमित व्यायाम करना बहुत आवश्यक है। इससे शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) की मात्रा बढ़ती है, जिससे दिल की धमनियों में खराब कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं हो पाता
अलसी को भूनकर खाएं। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है
प्राकृतिक आहार लें, बाजार की चीजें खाने से बचें। बाजार की चीजों में ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा रहती है। इन्हेंं बनाने में डालडा जैसे घी का उपयोग किया जाता है, जो हानिकारक हैं, जबकि सूर्यमुखी और जैतून के तेल दिल के लिए अच्छे हैं
दही, छाछ और मलाई निकला हुआ दूध दिल के लिए फायदेमंद होता है
हर दिन 45 मिनट तेज रफ्तार से टहलना, साइकिल चलाना, नृत्य करना आदि
पुरुषों को है ज्यादा खतरा: दिल की बीमारियों का खतरा महिलाओं की तुुलना में पुरुषों को ज्यादा रहता है। हालांकि माहवारी चलने तक महिलाओं में यह खतरा कम रहता है, लेकिन उसके बाद उन्हें भी पुरुषों के बराबर ही खतरा रहता है। ऐसे में पचास की उम्र के बाद महिला-पुरुष दोनों को ही बहुत सतर्कता रखनी चाहिए।
तनाव से बनाएं दूरी: मानसिक तनाव दिल का दुश्मन है। यह डायबिटीज को भी बढ़ाता है। तनाव से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इससे बचने के लिए रोज आधे घंटे योग और ध्यान जरूर करें। परिवार को समय दें और हर काम को ठीक से करें ताकि माहौल खुशनुमा रहे।