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अब गुना कलेक्टर ने नेताओं को बताया 'डकैत और घपलेबाज', फेसबुक में लिखी पोस्ट

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा कहते हैं कि क्रिया की प्रतिक्रिया तो प्रकृति का नियम है। नेताओं की टिप्पणी अमर्यादित थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 01:37 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 01:39 AM (IST)
अब गुना कलेक्टर ने नेताओं को बताया 'डकैत और घपलेबाज', फेसबुक में लिखी पोस्ट

राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में राजगढ़ के ब्यावरा के थप्पड़ कांड और कलेक्टर निधि निवेदिता को लेकर पूर्व मंत्री व भाजपा नेता बद्रीलाल यादव की अशोभनीय टिप्पणी के बाद प्रदेश के अधिकारी भी मर्यादा तोड़ने लगे हैं। वह मुखर होकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। गुना के कलेक्टर भास्कर लक्षकार ने अपनी फेसबुक वॉल पर वरिष्ठ अफसरों-अभिषेक सिंह, आशीष सिंह, स्वरोचिष सोमवंशी, स्वाति मीणा, कौशलेंद्र विक्रम सिंह, प्रतिभा पाल, दीपक आर्य को टैग करते हुए लिखा कि 'जिनकी डकैती और घपलेबाजियां सारा शहर जानता है, वे सीना ठोककर झूठ बोल रहे हैं।

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लक्षकार ने आगे लिखा, 'जिसका जो मन आता है, वह आप (कलेक्टर, एसपी एवं कर्मचारी) पर आरोप लगाकर हें-हें, ठें-ठें करता निकल जाता है। आप कुढ़ते, उबलते रह जाते हैं, वे सार्वजनिक रूप से झूठ बोलकर अपमानित करके निकल जाते हैं। वे उन लोगों के पक्ष में सीना ठोक के झूठ बोलते हैं और आपको कोसते हैं, जिनकी दिनदहाड़े की डकैती और घपलेबाजियां सारा शहर जानता है। मजेदार यह है कि डकैत आपके बारे में न्यायाधीश बने फिरते हैं।

विरोध के तरीके का विरोध

अभिषेक सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'आपके विरोध का विरोध नहीं है। आपके विरोध के तरीके का विरोध है। कुछ लोग ये तर्क दे रहे हैं कि अमुक अधिकारी ने अमुक गलत काम किया। इसलिए उसके विरुद्ध इस प्रकार का अमानवीय, अस्वीकार्य, अमर्यादित व्यवहार किया गया। मेरा एक ही प्रश्न है कि क्या मेरे किसी भी कृत्य से आप को अपनी शालीनता त्यागनी चाहिए? क्या इससे आपको कोई अपराध करने का अधिकार प्राप्त होता है? महात्मा गांधी के अनुसार किसी के विरोध में भी उसकी गरिमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।

नेताओं को गाली-गलौज की स्वतंत्रता नहीं : केएस शर्मा

मप्र के पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा कहते हैं कि क्रिया की प्रतिक्रिया तो प्रकृति का नियम है। नेताओं की टिप्पणी अमर्यादित थी। उसका यह नतीजा है। राजनेताओं को गाली-गलौज करने की स्वतंत्रता नहीं है। कलेक्टर ने गलती भी की थी तो उसका विरोध दर्ज कराने के और भी तरीके थे। अब दूसरे पक्ष (अफसरों) को टिप्पणी करते हुए भाषा की मर्यादा रखनी चाहिए।

चरण वंदना करना छोड़ें एसपी-कलेक्टर : शिवराज

उधर, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर के नसरल्लागंज में कहा कि एसपी और कलेक्टर प्रभारी मंत्री की चरण वंदना करना छोड़ें। जिस जनता के पैसे की कमाई से उनकी नौकरी चल रही है, उनकी सुनें। सरकारें तो आती-जाती रहती हैं। आज उनकी है तो कल हमारी भी आएगी।


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