आपके मनपसंद गाने से होगी सुबह की शुरुआत, कई रोगों से मिलेगा छुटकारा
शोध में पाया गया कि खेलने या शारीरिक व्यायाम के दौरान संगीत सुनने से क्षमता बढ़ जाती है। इसलिए जिम और योगा क्लास में संगीत के साथ अभ्यास कराया जाता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कैसा हो अगर आप भी रियलिटी शो 'बिग बॉस' के कंटेस्टेंट की तरह अपने घर में किसी गाने के बोल सुनकर उठें। गाना बजते ही आप बिस्तर से उठें और अपने घर के सदस्यों के साथ डांस करने लगें। 'बिग बॉस' देखने वाला हर दूसरा दर्शक अपने दिन की शुरुआत ऐसे करने के बारे में जरूर सोचता होगा। अगर दिन की शुरुआत आपके पसंदीदा गाने से हो, तो सोने पर सुहागा। ऐसे दिन की शुरुआत एक अच्छे सपने से जागकर, खुली आंखों से दूसरा सपना देखना जैसा है। गूगल ने अब इस सपने को हकीकत में बदल दिया है।
बिग बॉस के घर में कंटेस्टेंट को सुबह जगाने के लिए एक गाना बजाया जाता है। गाने की आवाज सुनते ही सभी अपने बिस्तर से उतरकर डांस करना शुरू कर देते हैं। डांस करते समय आप कैसे स्टेप कर रहे हैं, ये मायने नहीं रखता। बस गाने की धुन पर थिरकना मायने रखता है। नींद को दूर भगाकर दिन की संगीतमय शुरुआत करना मायने रखता है। दिन की ऐसी शुरुआत के बाद कंटेस्टेंट्स के चेहरों पर एक अलग ऊर्जा दिखाई देती है। ऐसी ऊर्जा जो दिनभर उनके चेहरे पर देखी जा सकती है। ये कुछ ऐसी ही एक्सरसाइज है, जैसी आप सुबह पार्क में लोगों को करते हुए देखते होंगे। इसमें कुछ लोग घेरा बनाकर जोर-जोर से हंसते हैं। अब आप चाहें, तो आपके दिन की शुरुआत भी ऐसी हो सकती है।
गूगल आपके लिए एक खास फीचर लेकर आया है, जिससे लोग अपने पंसदीदा गाने को अलार्म टोन के तौर पर सुन सकेंगे। इसका फायदा यह होगा कि आप झट से अलार्म बंद नहीं करेंगे और उठकर दिन की शुरुआत करने की उम्मीद बढ़ जाएगी। गूगल क्लॉक एप में ये फीचर आया है। इसमें पसंदीदा गानों की लिस्ट को म्यूजिक स्ट्रीमिंग सुविधा देने वाला वेबसाइट स्पॉटिफाई से जोड़कर पसंदीदा गानों के साथ दिन की शुरुआत हो सकेगी। स्पॉटिफाई के फ्री और प्रीमियम दोनों ग्राहकों के लिए ये सुविधा हे। इसके लिए स्मार्टफोन में स्पॉटिफाइ का लेटेस्ट वर्जन और गूगलल क्लॉक एप होना चाहिए। ये प्लेस्टोर पर एंड्रॉयड के 5.0 लॉलीपॉप और उसके ऊपर के एड्रॉयड वर्जन पर उलब्ध हो।
अगर आप भी अपने दिन की शुरुआत पसंदीदा गाने के साथ करना चाहते हैं, तो गूगल की इस पेशकश का लाभ उठा सकते हैं। भारत के गांव-देहातों में लोगों के दिन की शुरुआत मंदिर की घंटियों, भजन की आवाज, अजान की गूंज और गुरुवाणी के पाठ से होती है। लेकिन शहरों में मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट में रहने वाले लोग अब इससे दूर होते जा रहे हैं। बिल्डिंग की 29वीं मंजिल पर रहने वाले लोगों को मंदिर की घंटी सुनाई नहीं देती। ऐसे में कुछ लोग चाह कर भी इसका आनंद नहीं ले पाते हैं। लेकिन अब इस एप के जरिए, ये संभव हो सकता है, क्योंकि इसमें अपने पंसदीदा गाने या धुन को चुना जा सकता है।
शहरों में लोग जहां देखो, वहां भागते हुए नजर आते हैं। ऐसा लगता है कि लोगों के बीच कोई रेस चल रही है। लोगों की ये रेस सुबह उठने से शुरू होती है और रात को बिस्तर पर पहुंचने पर खत्म होती है। ऐसे में उन लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो अवसाद का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में दिगाम को आराम देने के लिए संगीत सबसे बेहतर विकल्प है। यदि आप मानसिक तनाव जैसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप झरनें, पवन, कोयल, मोर, पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों की आवाजों के साथ प्राकृतिक मधुर संगीत सुनिए। इससे आपको असीम शांति का अनुभव होगा। संगीत को चिकित्सा के रूप में हमारे देश में वर्षों से उपयोग किया जा रहा है। संगीत से मन में सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह आ जाता है। यह उमंग के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। शारीरिक व मानसिक समस्याओं से संगीत द्वारा जीवन जीने की इच्छा बढ़ जाती है।
संगीत कई शारीरिक समस्याओं को ठीक करने में सहायक सिद्ध होता है। एक अमेरिकी शोध के अनुसार संगीत से पार्किन्सन रोगियों का उपचार संभव है। शोध में पाया गया कि खेलने या शारीरिक व्यायाम के दौरान संगीत सुनने से क्षमता बढ़ जाती है। इसलिए जिम और योगा क्लास में संगीत के साथ अभ्यास कराया जाता है। देश-विदेश में हुए शोधों में यह साबित हो चुका है कि संगीत सुनने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है, जिससे दिल के दौरे का खतरा कम होता है। वहीं कई शोधों में हार्ट अटैक के दौरान सर्जरी करते वक्त हल्के संगीत को फायदेमंद माना गया है।