अब हर वैक्सीन में होगी सभी तरह के वायरस की जांच
पोलियो वैक्सीन में पी-2 वायरस पाये जाने के बाद सरकार ने वैक्सीन जांच के नियम कड़े कर दिये हैं।
नई दिल्ली [नीलू रंजन]। पोलियो वैक्सीन में पी-2 वायरस पाये जाने के बाद सरकार ने वैक्सीन जांच के नियम कड़े कर दिये हैं। पहले जिस वायरस की वैक्सीन होती थी, केवल उस वायरस की मौजूदगी की जांच की जाती थी। लेकिन अब सरकार ने वैक्सीन में संबंधित वायरस के अलावा भी सभी वायरस की जांच को अनिवार्य कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैक्सीन में दूसरे सभी वायरस की जांच होती तो, पोलियो के वैक्सीन में पी-दो की उपस्थिति की जानकारी मिल जाती है और उसे बच्चों को देने के रोका जा सकता था।
दरअसल पोलियो वैक्सीन में पी-2 वायरस का इस्तेमाल अप्रैल 2016 में ही बंद कर दिया गया था। अब केवल उसमें पी-1 और पी-3 वायरस का ही इस्तेमाल किया जाता है। वैक्सीन बनने के बाद कड़ाई से उसके सैंपल की जांच की जाती है, तभी उसे बच्चों तक देने के लिए भेजा जाता था। अभी तक नियम के मुताबिक पोलियो वैक्सीन के सैंपल में सिर्फ पी-1 और पी-3 वायरस की उपस्थिति की जांच की जाती थी और मिलने पर उसे हरी झंडी दे जाती थी। चूंकि पी-2 वायरस की जांच की नहीं गई थी, इसीलिए वह वैक्सीन में जांच के बाद भी चला गया।
नए दिशानिर्देशों के बाद अब ऐसी गलती संभव नहीं हो सकेगी। अब किसी भी वैक्सीन में सभी तरह के वायरस की जांच की जाएगी ताकि किसी एक वैक्सीन में दूसरा वायरस नहीं चला जाए। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। सभी वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित पायी गई है। लेकिन गाजियाबाद की बायोमेड कंपनी के पोलियो वैक्सीन में पी-2 वायरस के मिलने से जांच प्रक्रिया की कमजोरी सामने आई और उसे पूरी तरह दूर करने का प्रयास कर दिया गया है।