US Election 2020: हैरिस ही नहीं बाइडन का भी है भारतीय कनेक्शन, जानें- इनके बारे में
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के करीब पहुंच चुके जो बाइडन के परिवार में भी एक भारतीय लिंक है।सार्वजनिक भाषणों में बाइडन अपने भारतीय पूर्वज का जिक्र कर चुके हैं। 11 वर्ष पहले अंतिम बार मां की अस्थि कलश विसर्जित करने हैरिस भारत आई थीं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डेमोक्रेट पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस की भारतीय मां और उनके भारतीय परिवार के बारे में जानकारी सार्वजनिक है। लेकिन यह कम जानते होंगे कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद के करीब पहुंच चुके जो बाइडन के परिवार में भी एक भारतीय लिंक है। इसका जिक्र बाइडन स्वयं पूर्व में कई बार सार्वजनिक मंचों और आम तौर पर भारतीय प्रतिनिधियों से मिलने के समय करते रहते हैं।
जो बाइडन वर्ष 2013 में बतौर उपराष्ट्रपति भारत के दौरे पर थे और तब उन्होंने मुंबई में एक भाषण के दौरान अपनी भारतीय जड़ों का खुलासा किया था। तब उन्होंने कहा था कि, वर्ष 1972 में वह पहली बार सीनेट के सदस्य बने तो से एक बाइडन का पत्र मिला। मुबई वाले बाइडन ने उन्हें बताया कि दोनो के पूर्वज एक ही हैं। उक्त पत्र में उन्हें जानकारी दी गई कि उनके पूर्वज 18वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करते थे। बाइडन ने अफसोस भी जताया कि इस बारे में वह विस्तार से पता नहीं लगा सके।
भारतीय पूर्वज का जिक्र कर चुके हैं बाइडन
बाइडन ने बाद में वर्ष 2015 में वाशिंगटन में इंडो-यूएस फोरम की बैठक में फिर इस घटना का जिक्र किया और बताया कि संभवत: उनके पूर्वज ने एक भारतीय महिला से शादी की जिसके परिवार के लोग अभी भी वहां हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई में तब बाइडन सरनेम के पांच लोग थे जिसके बारे में एक पत्रकार ने उन्हें जानकारी दी थी। तब बाइडन ने यह चुटकी भी ली थी कि वह भारत में भी चुनाव लड़ सकते हैं। यह तो हुई राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइ़डन की बात।
अब अगर उनकी सहयोगी कमला हैरिस की बात करें तो अमेरिकी राजनीति में सक्रिय सभी भारतीय मूल के नेताओं में संभवत: वहीं है जो सार्वजनिक तौर पर अपनी जड़ों का जिक्र करती हैं। अमेरिका में भारतीय मूल के राजनेता बाबी जिंदल के संदर्भ में हम देख चुके हैं कि वह अपनी जड़ों को नजरअंदाज करते थे।
11 वर्ष पहले भारत आई थी हैरिस
दूसरी तरफ उपराष्ट्रपति पद के लिए मनोनीत होने के बाद अपने पहले भाषण में ही हैरिस ने भारत में बिताये अपने बचपन के क्षणों को याद किया और अपनी 'चिट्टीज'(मौसियों) का जिक्र किया। हैरिस अंतिम बार 11 वर्ष पहले अपनी मां की अस्थि कलश को लेकर भारत आई थी। तमिलनाडु स्थित थालुसेंद्रापुरम गांव में उनके ननिहाल के रिश्तेदार अभी भी रहते हैं। इस गांव में स्थित सिरी धर्मा संस्था मंदिर में पिछले तीन दिनों से उनकी जीत की कामना की जा रही है।