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जन समर्थन न मिलने से बौखलाए नक्सली, कैडर बदलते ही अबुझमाड़ में नजर आ रहे कई नए चेहरे

पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान और सिविक एक्शन प्रोग्राम के चलते स्थानीय लोगों का भी पुलिस को समर्थन मिल रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 06:06 PM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 06:06 PM (IST)
जन समर्थन न मिलने से बौखलाए नक्सली, कैडर बदलते ही अबुझमाड़ में नजर आ रहे कई नए चेहरे
जन समर्थन न मिलने से बौखलाए नक्सली, कैडर बदलते ही अबुझमाड़ में नजर आ रहे कई नए चेहरे

रायपुर/नारायणपुर। जनता से समर्थन नहीं मिलने के कारण अब नक्सलियों की बौखलाहट खुल कर सामने आ रही है। पिछले दिनों हुए चुनाव में छत्तीसगढ़ में बंपर मतदान हुआ था। विशेषकर नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों की धमकियों के बावजूद लोगों ने मतदान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। इधर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान और सिविक एक्शन प्रोग्राम के चलते स्थानीय लोगों का भी पुलिस को समर्थन मिल रहा है। जनता का समर्थन न मिलने से बौखलाए नक्सली लगातार बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यहां नक्सलियों का कैडर और टॉप मोस्ट लीडर के बदलने के बाद से नक्सली लगातार सक्रियता दिखा रहे हैं।

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अबुझमाड़ में पांच ग्रामीणों की हत्या, 31 परिवारों का अपहरण

ताजा घटना अबुझमाड़ क्षेत्र की है जहां नक्सलियों ने 5 ग्रामीणों को अगुवा कर उन पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया और फिर उनकी हत्या कर दी। इसके साथ ही नक्सलियों ने अबुझमाड़ के 8 गांवों में रह रहे 31 परिवारों का अपरहण कर लिया।

पुलिस की मदद से छूटे 40 लोग

उनमें से एक व्यक्ति छूटकर पुलिस के पास पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने नक्सलियों के चंगुल से 40 लोगों को छुड़ाने में कामयाबी हासिल की है। यह सभी ग्रामीण फिलहाल जिला मुख्यालय में शरण लिए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक टाहकाडोंड के ग्रामीण सन्नूू पर पुलिस के पास जाकर सरेंडर करने का आरोप लगाकर नक्सली उसे जंगल की ओर ले जा रहे थे, इसी बीच सन्नूू वहां से भाग निकला और सीधा पुलिस के पास पहुंचा। सन्नूू की सूचना पर पुलिस ने अपह्त ग्रामीणों को वहां से छुड़ाया और सभी को जिला मुख्यालय में लाया गया है। इनमें कई बच्चे भी शामिल हैं।

जनअदालत लगाकर कर रहे हत्या

मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचे पीड़ित ग्रामीणों ने एसपी से मुलाकात कर अपनी आपबीती बता कर मदद की गुहार लगाई है। जिला प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों को माड़िया समाज के भवन में ठहराया गया है। नक्सलियों  के द्वारा इन ग्रामीणों पर पुलिस का खबरी होने का आरोप लगाकर बेहरमी से मारपीट की गई है। जिला मुख्यालय में शरण लिए ग्रामीणों ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि 22 अप्रैल को नक्सलियों ने कदेर में जनअदालत लगाकर लखमा पिता सोनू और पारस पिता गिल्लू को बेहरमी से पीटकर मौत के घाट उतार दिया।

मुखबिरी का आरोप लगा कर की हत्‍या

इसके बाद नक्सली पांच किलोमीटर दूर टाहाकाडोंड पहुंचे और वहां के दो युवक को पाण्डु पिता गिल्लु और मंगलू पिता मससु पर मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या कर दी। वहीं तीसरी घटना के बारे में जानकारी देते हुए मृतक की पत्नी गोरे वड्डे ने बताया कि नक्सली उनके गांव तुड़को आए थे और उनके पति पर पुलिस का खबरी होने का आरोप लगाया। वे उन्हें साथ में पकड़ कर ले गए और गांव में जनअदालत लगाकर जान से मार दिया।

फिर से खड़ा कर रहे संगठन

ग्रामीणों ने बताया कि नक्सली केडर में फेरबदल होने के बाद बहुत से नए चेहरे देखने को मिले हैं। अधिकांश नक्सलियों के दीगर प्रदेश से आने की बात कही गई है। नक्सलियों द्वारा मेटानार, तुड़को, टाडोबेडा, तुमिरादी, कदेर, ब्रहबेडा, टाहकाडोंड और गारपा के ग्रामीणों को गांव से बेदखल किया गया है।

पुलिस का पक्ष

इस मामले में एसपी मोहित गर्ग का कहना है कि पीड़ित ग्रामीणों की रिपोर्ट के आधार ओर नक्सलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। टाहाकाडोंड और तुड़को कि घटना में तीन लोगों की हत्या का मामला दर्ज हुआ है। उनका कहना है कि कदेर के में दो लोगों की हत्या के बारे में सूचना मिली है, लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार की ओर से थाने में एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है।


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