कर्मचारी के संक्रमण पर हर नियोक्ता पर जुर्माना नहीं, गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को जारी दिशा-निर्देशों को स्पष्ट किया
गृह मंत्रालय ने बुधवार को कुछ मीडिया रिपोर्टो की गलतबयानी को खारिज करते साफ किया कि मंत्रालय के दिशा-निर्देशों की गलत व्याख्या की गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने 15 अप्रैल को जारी दिशा-निर्देशों को स्पष्ट करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में फैक्ट्रियों के कामगारों को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर केवल उन्हीं मालिकों पर जुर्माना लगेगा जिन्होंने कोई लापरवाही बरती है। फैक्ट्री मालिकों पर यह जुर्माना तभी लगेगा जब साबित होगा कि कंपनी या संस्थान के प्रबंधन ने जानबूझकर या लापरवाही वश कोई चूक की है। इस बीच, भारतीय प्रेस परिषद ने भी एक बयान जारी करके बड़ी तादाद में पत्रकारों के कोरोना संक्रमित होने पर चिंता जताई है। साथ ही सरकार और मीडिया कंपनियों से ऐसे मामलों में मदद करने का आग्रह किया है।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को कुछ मीडिया रिपोर्टो की गलतबयानी को खारिज करते साफ किया कि मंत्रालय के दिशा-निर्देशों की गलत व्याख्या की गई है। कुछ रिपोर्टो में कहा गया था कि अगर कोई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया तो कंपनी के निदेशकों और प्रबंधनों पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट करके कहा कि मंत्रालय के दिशा-निर्देश के अनुसार डीएम (आपदा प्रबंधन) अधिनियम, 2005 तभी लागू होगा जब नियोक्ता ने जानबूझकर या लापरवाही वश कोरोना संक्रमण को बढ़ाया हो। केंद्र सरकार के पीआइबी ने ट्वीट करके कहा कि वह मीडिया रिपोर्ट गलत हैं जिनमें सावधानियां बरतन में प्रबंधन की भूमिका क्लॉज-21 के दायरे में आती हो।