Move to Jagran APP

अल-नीनो प्रभाव के कारण भारत में इस साल कमजोर रह सकता है मानसून : नोमूरा

2017 में अल-नीनो की स्थिति की वजह से भारत में मानसून को लेकर चिंता जताई जा रही है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Mon, 06 Mar 2017 01:03 PM (IST)Updated: Mon, 06 Mar 2017 01:20 PM (IST)
अल-नीनो प्रभाव के कारण भारत में इस साल कमजोर रह सकता है मानसून : नोमूरा
अल-नीनो प्रभाव के कारण भारत में इस साल कमजोर रह सकता है मानसून : नोमूरा

नई दिल्ली (एजेंसी)। वर्ष 2017 में अल नीनो की स्थिति की वजह से भारत में मानसून को लेकर चिंता जताई जा रही है, नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। हालांकि इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि बारिश और फसल पर इसका प्रभाव सिर्फ इस एक घटनाक्रम पर ही निर्भर नहीं करेगा।

loksabha election banner
ऑस्ट्रेलिया के मौसम विभाग (एबीएम) के अनुसार 2017 में अल नीनो की स्थिति बनने की संभावना बढ़ी है। एबीएम ने 8 माडलों पर सर्वे किया गया था जिसमें 6 से पता चलता है कि जुलाई 2017 तक अल नीनो सीमा पर पहुंचा जा सकता है। इससे 2017 में अल नीनो बनने की संभावना 50 प्रतिशत हो जाती है।
क्‍या है अल-नीनो?
अल-नीनो एक मौसम की स्थिति है जिसका भारत के मानसून पर गहरा प्रभाव पड़ता है। सामान्य मानसून भारत में खेती के लिये काफी महत्वपूर्ण होता है। देश की खेती का बड़ा हिस्सा मानसून की वर्षा पर निर्भर है।
नोमुरा इंडिया की प्रमुख अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने एक शोधपत्र में कहा है कि कुल मिलाकर वर्ष 2017 के सामान्य मानसून वर्ष से कमजोर रहने की संभावना इसके सामान्य मानसून वर्ष से बेहतर रहने के मुकाबले ज्यादा लगती है, हालांकि वर्षा और खाद्य उत्पादन पर इसके ठीक ठीक प्रभाव का मामला कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करेगा। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.