Move to Jagran APP

पांच राज्यों के हाई कोर्ट में एक भी महिला जज नहीं, इंडियन जस्टिस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

इंडियन जस्टिस रिपोर्ट के दूसरे संस्करण में कहा गया है कि तेलंगाना में सबसे ज्यादा 46.2 फीसद महिला जज नियुक्त हैं। वहीं झारखंड में सबसे कम 12.1 फीसद महिला जजों की नियुक्ति की गई है जबकि पांच राज्यों की हाई कोर्ट में एक भी महिला जज नहीं है।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 05:23 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 05:23 PM (IST)
पांच राज्यों के हाई कोर्ट में एक भी महिला जज नहीं, इंडियन जस्टिस रिपोर्ट में हुआ खुलासा
तेलंगाना की अधीनस्थ न्यायालयों में सबसे ज्यादा महिला जज नियुक्त

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के तमाम राज्यों में महिला जजों की नियुक्ति को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा महिला जज तेलंगाना राज्य में नियुक्त हैं, जबकि सबसे कम झारखंड में हैं। इसके अलावा, पांच ऐसे भी राज्य हैं जहां अगस्त, 2020 तक हाई कोर्ट में एक भी महिला जज नियुक्त नहीं की गई है।

loksabha election banner

इंडियन जस्टिस रिपोर्ट के दूसरे संस्करण में कहा गया है कि तेलंगाना में अधीनस्थ न्यायालयों में सबसे ज्यादा 46.2 फीसद महिला जज नियुक्त हैं। वहीं, झारखंड में अधीनस्थ न्यायालयों में सबसे कम 12.1 फीसद महिला जजों की नियुक्ति की गई है, जबकि पांच राज्यों की हाई कोर्ट में एक भी महिला जज को नियुक्त नहीं किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च न्यायालयों में महिला न्यायाधीशों की हिस्सेदारी औसतन 11 फीसद से बढ़कर 13 फीसद हो गई है, जबकि, अधीनस्थ न्यायालयों में यह 28 फीसद से बढ़कर 30 फीसद हो गई है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि दो साल की अवधि में, 12 उच्च न्यायालयों और 27 अधीनस्थ अदालतों में महिला जजों की हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है। इसका मतलब यह है कि अधीनस्थ न्यायालयों में तीन में से एक महिला जज है। वहीं, उच्च न्यायालयों में नौ न्यायाधीशों में से एक महिला न्यायाधीश है।

रिपोर्ट में बताया गया कि इस मामले में गोवा में काफी कमी दर्ज की गई है जो घटकर अब 13 फीसद रह गई है। इससे पहले प्रदेश में अधीनस्थ न्यायालयों में 72 फीसद महिला जज थीं। वहीं, सबसे बड़ा सुधार जम्मू और कश्मीर, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश की हाई कोर्ट में हुआ है। टाटा ट्रस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि 6.3 फीसद अंकों की सबसे बड़ी गिरावट बिहार में हुई है, जहां अगस्त 2020 तक उच्च न्यायालय में किसी भी महिला जज की नियुक्ति नहीं हुई थी। इसके अलावा, 2018 से मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा और उत्तराखंड के उच्च न्यायालयों में एक भी महिला न्यायाधीश नहीं हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.