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गोवा सरकार बोली- राज्य में कोई आतंकी खतरा नहीं, धारा 144 लगाना एक नियमित प्रक्रिया

गोवा के पश्चिमी घाट पर धारा 144 लागू करने पर स्पष्टीकरण देते हुए प्रसाशन ने कहा है कि यह एक रूटिन प्रक्रिया है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 03:15 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 03:15 PM (IST)
गोवा सरकार बोली- राज्य में कोई आतंकी खतरा नहीं, धारा 144 लगाना एक नियमित प्रक्रिया
गोवा सरकार बोली- राज्य में कोई आतंकी खतरा नहीं, धारा 144 लगाना एक नियमित प्रक्रिया

पणजी,आइएएनएस। गोवा के पश्चिमी घाट पर धारा 144 लागू करने पर स्पष्टीकरण देते हुए प्रसाशन ने कहा है कि यह एक रूटिन प्रक्रिया है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उत्तरी गोवा जिला प्रशासन ने इसे लेकर सफाई देते हुए कहा कि आतंकी हमले के आशंका के कारण क्षेत्र में धारा 144 लागू नहीं किया गया है। पर्यटन उद्योग के हितधारकों और विपक्ष द्वारा राज्य सरकार की इस कदम पर सवाल खड़ा करने के बाद यह बात प्रसाशन ने कही है। 

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उत्तर गोवा के डीएम आर. मेनका ने शनिवार को एक स्पष्टीकरण में कहा कि आम जनता को सलाह दी जाती है कि उन्हें इससे घबराने की जरूरत नहीं है। ये आदेश दोनों जिला मजिस्ट्रेट (गोवा में दो प्रशासनिक जिले हैं) में पहले भी सामान्य तैयारियों के हिस्से के तौर पर पूरे राज्य के लिए जारी किए गए हैं।  

पर्यटकों, कार्निवाल या अन्य समारोहों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा

मेनका ने यह भी कहा कि चार से अधिक व्यक्तियों के एक जगह पर एकत्रित होने या ऐसी किसी स्थिति के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं, जैसा कि कहा जा रहा है। इससे पर्यटकों, कार्निवाल या अन्य समारोहों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

60 दिनों की अवधि के लिए धारा 144 लागू

इस सप्ताह के शुरू में 60 दिनों की अवधि के लिए धारा 144 लागू किए जाने के बाद, विपक्ष ने गोवा सरकार पर इतने लंबे वक्त के लिए धारा 144 लागू करने के लिए तटीय राज्य में 'कश्मीर जैसी स्थिति' पैदा करने का आरोप लगाया था। इस सप्ताह के शुरू में जारी आदेश में उत्तर गोवा जिला प्रशासन ने कहा था कि पश्चिमी तट के साथ संभावित आतंकी खतरों और असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए के लिए यह कदम उठाया गया है।

आदेश को लेकर प्रशासन की आलोचना 

पर्यटन उद्योग के हितधारकों ने भी इस आदेश को लेकर प्रशासन की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि इस कदम ने गोवा के भीतर पर्यटकों के बीच दहशत पैदा कर दी है। गोवा का पारंपरिक पर्यटन सीजन अक्टूबर से मार्च तक रहता है। शनिवार को अपने स्पष्टीकरण में मेनाका ने यह भी कहा कि यह आदेश केवल एहतियाती उपाय के रूप में जारी किए गए थे। 


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