अपने ही जाल में घिरा पाक, कुलभूषण के खिलाफ नहीं दे पा रहा सबूत
पाकिस्तान प्रशासन अभी तक जाधव के वहां किसी हिंसक घटना में शामिल होने का ना तो सबूत पेश कर पाया है और न ही भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को उससे मिलने की इजाजत दी जा रही है।
नई दिल्ली, [जयप्रकाश रंजन]। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी व स्वतंत्र तौर पर जहाज संचालन करने वाले कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तान की कलई अब खुलने लगी है। दो महीने से भी लंबी गिरफ्तारी के बावजूद पाकिस्तान प्रशासन अभी तक जाधव के वहां किसी हिंसक घटना में शामिल होने का ना तो सबूत पेश कर पाया है और न ही इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को उससे मिलने की इजाजत दी जा रही है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि विएना समझौते के मुताबिक पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से जाधव की मुलाकात की इजाजत देनी होगी। भारत कुछ दिन और इस मामले में इंतजार करेगा। लेकिन ऐसा नहीं होने पर पाकिस्तान के खिलाफ शिकायत करने का विकल्प खुला है।
दरअसल, जाधव की गिरफ्तारी को लेकर भारत का शक काफी पहले से था कि पाकिस्तान की एजेंसियां उसकी आड़ में कोई गहरी साजिश कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक जाधव की गिरफ्तारी पाक तब सामने लाया जब पठानकोट हमले की जांच आगे बढ़ रही थी और यह साफ हो गया था कि इसकी पूरी साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से जाधव का एक बयान जारी किया गया जिसमें उन्होंने अपने आपको पाकिस्तान में गड़बड़ी फैलाने के लिए भारत की तरफ से भेजा गया एजेंट बताया था। इस वीडियो में जाधव को जिस तरह से पाक के अधिकारियों से सामान्य तौर पर वार्तालाप करते दिखाया गया और जाधव के बयान देने का अंदाज भी पूरे मामले के बनावटी होने का सबूत दे रहा था। एक तरफ से यह पठानकोट पर भारत के बढ़ रहे दबाब का जबाव देने के लिए खोजा गया काट था।
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के रवैये का इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहां भारत की तरफ से उसके पठानकोट हमले में शामिल होने के पूरे सबूत दिए जा रहे हैं, वहां की एजेंसियों को भारत में जांच करने की इजाजत तक दी गई है जबकि वह हमारे अधिकारियों को जाधव से मिलने तक नहीं दे रहा है। बहरहाल, भारतीयच्उच्चायोग एक बार फिर पाकिस्तान से जाधव तक पहुंच देने की सिफारिश करेगा। पाकिस्तान के कुछ मीडिया में इस आशय की खबरें छपी है कि प्रशासन भारत को जाधव तक पहुंच बनाने की इजाजत नहीं देगा। हालांकि विदेश मंत्रालय को इसकी आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। पाकिस्तान की तरफ से यह आरोप लगाया गया है कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी का सदस्य है जिसे वहां तोड़फोड़ मचाने के लिए भेजा गया था। भारत ने उसके भारतीय नौ सेना का पूर्व अधिकारी बताया था। भारत ने यह भी कहा था कि नौ सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद जाधव किसी भी सरकारी एजेंसी से नहीं जुड़ा हुआ है।
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