येचुरी को राज्यसभा भेजने के पक्ष में नहीं हैं केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन
माकपा कांग्रेस का समर्थन मिलने के बावजूद पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को राज्यसभा के तीसरे कार्यकाल के लिए भेजने के पक्ष में नहीं है।
कोलकाता (जेएनएन)। माकपा के लिए निर्णय लेने वाली पार्टी की शीर्ष केंद्रीय समिति ने पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी के राज्यसभा के तीसरे कार्यकाल पर चर्चा किया जिसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कांग्रेस के समर्थन से पश्चिम बंगाल से येचुरी के चयन के फैसले को खारिज कर दिया। इसके बाद पार्टी ने निर्णय लिया कि महासचिव सीताराम येचुरी को राज्यसभा के लिए नामांकित नहीं किया जाएगा। केंद्रीय समिति इस मुद्दे पर विभाजित थी, हालांकि हाथ उठाकर मतदान के जरिए यह फैसला किया गया। मतदान से पहले मामले पर करीब चार घंटे तक चर्चा हुई।
विजयन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमारे पार्टी महासचिव को राज्यसभा में भेजने के लिए कांग्रेस के समर्थन को स्वीकार करना हमारी राजनीतिक नियमों के विरुद्ध होगा।‘ विजयन ने आगे बताया कि माकपा के महासचिव होते हुए वे संसदीय भूमिका उचित तरीके से नहीं निभा पाएंगे क्योंकि पार्टी के कार्यों के लिए उन्हें दौरा करना होता है। मेरा मानना है कि पार्टी महासचिव संसदीय जिम्मेवारियों को नहीं निभा सकता है। क्योंकि उसे अपने कार्यों के लिए देश का दौरा करना होता है। जो उन्हें राज्यसभा में देखने की चाहत रखते हैं वे जानते हैं कि येचुरी काबिल शख्स हैं। यह सच है कि वे काबिल और योग्य हैं लेकिन उनके उपर एक और जिम्मेवारी है। पार्टी नहीं चाहती है कि वे महासचिव की भूमिका के साथ किसी तरह का समझौता करें। माकपा महासचिव के तौर पर 2015 में येचुरी को नियुक्त किया गया था।
पार्टी के एक नेता ने बताया, 'पार्टी की इस व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए फैसला किया गया कि माकपा के किसी नेता को दो बार से ज्यादा ऊपरी सदन में नहीं भेजा जा सकता। इसके साथ ही पार्टी की केरल इकाई येचुरी के पुनर्निर्वाचन के लिए कांग्रेस की मदद लेने के पक्ष में नहीं थी।‘
केंद्रीय समिति के अधिकतर सदस्यों ने येचुरी को राज्यसभा के लिए नामांकित करने के प्रस्ताव का विरोध किया। विरोध करने वालों में दक्षिण भारत के राज्यों के सदस्य शामिल थे।
पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की इकाइयों के लोगों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। माकपा की व्यवस्था के अनुसार कोई भी नेता दो बार से ज्यादा उच्च सदन का सदस्य नहीं हो सकता। येचुरी पहले ही कह चुके थे कि पार्टी का महासचिव होने के नाते वह पार्टी की व्यवस्था पर कायम रहेंगे।
पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सदस्य के तौर पर येचुरी का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है। इस सीट पर चुनाव आगामी 8 अगस्त को है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 28 जुलाई है।
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