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पद नहीं तो बंगला नहीं: मध्यप्रदेश की मंत्री इमरती देवी को बंगला खाली करने का मिला नोटिस

महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी को आवंटित शासकीय बंगला खाली करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने नोटिस जारी किया है। इस्तीफा मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया। जब तक इस्तीफा स्वीकार नहीं हो जाता तब तक मंत्री पद रहेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 11:56 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 11:56 PM (IST)
पद नहीं तो बंगला नहीं: मध्यप्रदेश की मंत्री इमरती देवी को बंगला खाली करने का मिला नोटिस
इमरती देवी बोलीं- मेरा इस्तीफा अभी मुख्यमंत्री ने नहीं किया स्वीकार।

ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी को आवंटित शासकीय बंगला खाली करने के लिए लोक निर्माण विभाग ( पीडब्ल्यूडी ) ने नोटिस जारी किया है। कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा द्वारा दो दिसंबर जारी नोटिस में लिखा है- मंत्री जी, वर्तमान में आपके पास कोई पद नहीं है, इसलिए आप बंगला खाली कर पीडब्ल्यूडी को सौंपें। इस नोटिस पर इमरती देवी काफी नाराज हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार में इमरती देवी को महिला एवं बाल विकास मंत्री का पद दिया गया था। हालांकि पिछले महीने हुए उपचुनाव में वे हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया है।

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इमरती देवी बोलीं- मेरा इस्तीफा अभी मुख्यमंत्री ने नहीं किया स्वीकार

इमरती देवी का कहना है कि अभी उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया। जब तक इस्तीफा स्वीकार नहीं हो जाता, तब तक मंत्री पद रहेगा। इमरती देवी को झांसी रोड स्थित बंगला क्रमांक 44-ए आंवटित किया गया है।

इमरती देवी से सीधी बात

प्रश्न- आपको लोक निर्माण विभाग ने बंगला खाली करने के लिए नोटिस दिया है?

उत्तर- मैं अभी दिल्ली में हूं, मुझे नोटिस नहीं मिला है, लेकिन वाट्सएप पर मैंने पढ़ लिया है।

प्रश्न- उसमें लिखा है कि आपके पास कोई पद नहीं है?

उत्तर- मैंने इस्तीफा दिया है, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया है। इस हिसाब से मेरे पास अब भी मंत्री का दायित्व है।

प्रश्न- आपके पास मंत्री पद है, फिर नोटिस क्यों दिया गया?

उत्तर- इसका जवाब मैं क्या दूं, यह तो कार्यपालन यंत्री से पूछो।

प्रश्न- इस मामले में आप क्या करेंगी?

उत्तर- मुख्यमंत्री से बात करेंंगी।

कार्यपालन यंत्री ने काटा फोन

इस मामले में लोक निर्माण विभाग खंड-एक के कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा से बात कर उनका पक्ष जानने फोन लगाया गया। 'प्रेस' सुनते ही उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद उन्हें कई बार मोबाइल पर फोन किया गया, लेकिन काल रिसीव नहीं हुआ।


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