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भारतीय मदरसों में नहीं दी जाती जिहादी शिक्षा

मदरसों में जिहादी शिक्षा दिए जाने की धारणा को सुरक्षा एजेंसियों के एक सर्वे ने खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मदरसों में जिहादी शिक्षा नहीं दी जा रही, खासतौर पर उन मदरसों में जहां भारतीय शिक्षक पढ़ाते हैं

By Sudhir JhaEdited By: Published: Thu, 13 Nov 2014 09:55 AM (IST)Updated: Thu, 13 Nov 2014 10:14 AM (IST)
भारतीय मदरसों में नहीं दी जाती जिहादी शिक्षा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मदरसों में जिहादी शिक्षा दिए जाने की धारणा को सुरक्षा एजेंसियों के एक सर्वे ने खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मदरसों में जिहादी शिक्षा नहीं दी जा रही, खासतौर पर उन मदरसों में जहां भारतीय शिक्षक पढ़ाते हैं। पश्चिम बंगाल के बर्धमान जैसे कुछ मदरसे इसके अपवाद हैं, जिसे बांग्लादेशी चला रहे थे। लेकिन, ऐसे मदरसों के बारे में ठोस जानकारी नहीं है।

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उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पिछले कई महीनों से सुरक्षा एजेंसियां गुपचुप तरीके से देशभर में फैले मदरसों में दी जा रही शिक्षा का सर्वे कर रहे थे। पिछले दिनों इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी गई। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि मदरसों में धार्मिक शिक्षा जरूर दी जाती है, लेकिन जिहादी शिक्षा बिल्कुल नहीं दी जाती। यह दावा हालांकि उन्हीं मदरसों तक सीमित है, जहां भारतीय शिक्षक हैं।

जिन मदरसों में विदेशी शिक्षक हैं, उनमें जिहादी शिक्षा से इन्कार नहीं किया जा सकता। पश्चिम बंगाल के बर्धमान और मुर्शिदाबाद में बांग्लादेशियों द्वारा चलाए जा रहे मदरसे इसके उदाहरण हैं। लेकिन, विदेशी शिक्षक वाले मदरसों की संख्या का कोई अनुमान नहीं लगाया गया है। जाहिर है केंद्र सरकार जल्द ही ऐसे मदरसों की पहचान के प्रयास शुरू कर सकती है।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एक बार विदेशी शिक्षक वाले मदरसों की पहचान हो जाने के बाद उनकी गतिविधियों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। रिपोर्ट में मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के प्रयास करने की जरूरत बताई गई है। कुछ राज्यों को छोड़ दें तो ज्यादातर मदरसों में गरीब बच्चे पढ़ने जाते हैं। लेकिन, यह पढ़ाई उन्हें नौकरी या कोई कामकाज शुरू करने में कोई मदद नहीं करती। रिपोर्ट के अनुसार मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के प्रयास नाकाम रहे हैं और इसे प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।

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