वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट के समक्ष हाजिर होने में कोई नुकसान नहीं- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय के सचिव से कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के समक्ष हाजिर होने में कोई नुकसान नहीं है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जमीन के मुआवजे से संबंधित मामले पर कोर्ट ने यह कहा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय के सचिव से कहा कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के समक्ष हाजिर होने में कोई नुकसान नहीं है। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस संदर्भ में की है जिसमें सचिव को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जमीन के मुआवजे से संबंधित मामले में हाजिर होने के लिए कहा गया है।
रक्षा सचिव अजय कुमार ने शीर्ष अदालत में हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। इस दौरान सॉलिसिटर जरनल केएम नटराज ने कहा कि हाई कोर्ट ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को जाने बिना रक्षा मंत्रालय के सचिव को उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
कोरोना संकट में बढ़ा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का चलन
बता हें कोरोना संकट के समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल बढ़ा है। संक्रमण के बचाव करते हुए यह फैसला लिया गया था। देश में लगे लॉकडाउन के दौरान तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर भी ज्यादा दोर दिया गया था क्योंकि उस दौरान कोर्ट को भी बंद करने के आदेश दे दिए गए थे।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री सोमनाथ ट्रस्ट की बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ट्रस्ट के सदस्य हैं। बैठक में मंदिर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बैठक में शामिल होने की जानकारी दी थी। ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'श्री सोमनाथ ट्रस्ट की बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुआ।
हमने मौजूदा समय के दौरान ट्रस्ट के असाधारण सामुदायिक सेवा और अधिक से अधिक भक्तों को प्रार्थना करने में सक्षम बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने समेत मंदिर से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा की। श्री सोमनाथ ट्रस्ट गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले में स्थित ऐतिहासिक भगवान शिव के सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन करता है। सोमनाथ मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिग मंदिरों में पहला माना जाता है।