नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में थाना-चौकी बनाने का फंड खर्च नहीं, कैग रिपोर्ट में खुलासा
पता चला है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में थाना-चौकियों को बनाने के लिए स्वीकृत 22 करोड़ रुपये में एक पाई भी खर्च नहीं किया गया।
नईदुनिया, रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले आई कैग की रिपोर्ट सरकार के कामकाज की पोल खोल रही है। नक्सल उन्मूलन की दिशा में सर्वाधिक काम के दावों के बीच पता चला है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में थाना-चौकियों को बनाने के लिए स्वीकृत 22 करोड़ रुपये में एक पाई भी खर्च नहीं किया गया। पुलिस विभाग अपने कुल बजट का महज 17 फीसद ही खर्च किया।
सरकार कठघरे में
कैग रिपोर्ट आने पर विरोधी दलों ने सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल खड़ा किया है। रिपोर्ट में विभागों के स्वीकृत बजट में से 30 से 40 फीसद राशि खर्च नहीं कर पाने पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा है। अब विरोधी दलों ने इसे राजनीतिक हथियार बना लिया है और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बजट की 30 फीसद से ज्यादा राशि खर्च नहीं
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2016-17 में अधिकांश बड़े विभागों के बजट की 30 फीसद से ज्यादा राशि खर्च नहीं हुई है। इसमें वित्त विभाग, उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, तकनीकी शिक्षा, ऊर्जा विभाग, नगरीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग प्रमुख है।
बजट की 34 फीसद राशि का इस्तेमाल नहीं
प्रदेश में बेरोजगारों के आंकड़ें बढ़ रहे हैं, जबकि तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग बजट की 34 फीसद राशि का इस्तेमाल ही नहीं कर पाई। नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता के लिए स्वीकृत 27 फीसद राशि का इस्तेमाल नहीं हो पाया, जबकि प्रदेश के नगरीय निकाय के महापौर और अध्यक्ष सरकार पर लगातार इस बात का दबाव बनाते रहे कि उनको निगम और नगर पालिका के रोजाना के कार्यो के लिए आर्थिक मदद दी जाए।