सरबजीत के हत्यारों के खिलाफ पाक में अभी तक एफआइआर नहीं
पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या किसने की, इस संबंध में पाकिस्तान द्वारा अभी तक न तो जांच कराई गई है और ना ही एफआइआर दर्ज कराई गई है।
तरनतारन। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या किसने की, इस संबंध में पाकिस्तान द्वारा अभी तक न तो जांच कराई गई है और ना ही एफआइआर दर्ज कराई गई है। शहीद सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने इस पर एतराज जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल देने की मांग की है।
भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह को 26 अप्रैल, 2013 को पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में साजिश के तहत हमला कर घायल कर दिया गया था। सरबजीत की बाद में एक मई की रात मौत हो गई थी। मामले में पाकिस्तान सरकार ने जेल के कुछ अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की थी। लेकिन यह महज एक धोखा था।
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दलबीर कौर ने बताया कि भारत में करवाए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक सरबजीत का जब पाकिस्तान में पोस्टमार्टम किया गया तो उसकी किडनियां और दिल निकाल लिया था। पसलियां भी बुरी तरह टूटी थीं। कुल 17 चोटों की पुष्टि पोस्टमार्टम में हुई थी और सिर में करीब 35 किलो की भारी वस्तु से प्रहार किया गया था, जिस कारण सिर की सारी हड्डियां टूटी हुई थीं।
पाकिस्तान के लाहौर स्थित जिन्ना अस्पताल द्वारा सरबजीत सिंह का मृत सर्टिफिकेट दो मई, 2013 को जारी किया गया। सर्टिफिकेट पर उसका नाम मंजीत सिंह उर्फ सरबजीत सिंह पुत्र मुख्तार सिंह (रजिस्ट्रेशन नंबर 20126) लिखा हुआ था। जबकि सरबजीत सिंह के पिता का नाम सुलक्खण सिंह है। इस सर्टिफिकेट पर हाई कमिशन ऑफ इंडिया शौकत दास गुप्ता की मुहर लगी हुई है। दलबीर कौर ने हैरानी जताई कि पाकिस्तान सरकार ने अभी तक इस मामले संबंधी एफआइआर दर्ज नहीं की। उन्होंने कहा कि उस समय पाकिस्तान सरकार ने जेल अधिकारियों को निलंबित करने संबंधी एक ड्रामा रचा था।
दलबीर कौर ने कहा कि इस सारे मामले संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया है और उनके प्रिंसिपल सचिव ने विश्वास दिलाया है कि मामला जल्द ही पाकिस्तान के समक्ष उठाया जाएगा। दलबीर कौर ने बताया कि गत दिवस केंद्रीय विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज को मिलकर शहीद सरबजीत सिंह के हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने की मांग की। उन्होंने मामले को पूरी गंभीरता से लेने का विश्वास दिलाया है।