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ट्रंप के कश्‍मीर पर दिए बयान के पीछे नहीं है अफगानिस्‍तान थ्‍योरी, गलतफहमी पाले है पाक

ट्रंप द्वारा कश्‍मीर पर दिए बयान से पाकिस्‍तान काफी खुश है। वहीं अमेरिकी राष्‍ट्रपति हंसी का पात्र बन गए हैं। जानकार ट्रंप के बयान को गंभीरता से लेने को भी तैयार नहीं हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 03:20 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 03:20 PM (IST)
ट्रंप के कश्‍मीर पर दिए बयान के पीछे नहीं है अफगानिस्‍तान थ्‍योरी, गलतफहमी पाले है पाक
ट्रंप के कश्‍मीर पर दिए बयान के पीछे नहीं है अफगानिस्‍तान थ्‍योरी, गलतफहमी पाले है पाक

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच हुई वार्ता में उठा कश्‍मीर मुद्दा दोनों ही देशों के लिए हंसी का सबब बन गया है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने इस बारे में पीएम नरेंद्र मोदी का हवाला देकर जो बयान दिया उससे भारत सरकार तो खफा है ही, बल्कि मीडिया में भी उनकी खिल्‍ली उड़ रही है। बयान के बाद से ही ट्रंप के झूठ बोलने को लेकर फैक्‍ट चैकर रिपोर्ट की भी चर्चा चारों तरफ हो रही है।

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गंभीरता से लेने लायक नहीं ट्रंप का बयान
मीडिया में डोनाल्‍ड ट्रंप के कश्‍मीर मसले पर बोले गए झूठ के पीछे वजह जानने को लेकर भी कई तरह की खबरें सामने आई हैं। इनमें से कुछ में इसकी वजह अफगानिस्‍तान को बताया गया है। हालांकि विदेश मामलों के जानकार और ऑब्‍जरवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत ऐसा नहीं मानते हैं। उनके मुताबिक अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के बयान को गंभीरता से लेने की कोई वजह उनके सामने नहीं आई है। ट्रंप खुद कई बार अपने झूठे और बेबुनियाद बयानों की वजह सुर्खियों में आते रहे हैं। कई बार वह खुद ही अपने बयानों को झुठलाते रहे हैं। उनके कश्‍मीर पर दिए बयान को भी गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।

खुद ही कटघरे में खड़े होते आए हैं ट्रंप
उनका कहना है कि ट्रंप कभी भी रणनीतिक तौर पर सोच समझकर नहीं बोलते हैं। कश्‍मीर का बयान भी इसकी ही एक कड़ी है। उनके मु‍ताबिक पूरी विश्‍व बिरादरी कश्‍मीर के मुद्दे पर भारत के रुख से वाकिफ है। खुद अमेरिकी सांसद इस बात को मानते हैं। उनका ये भी कहना है कि ट्रंप की रणनीति का हिस्‍सा कभी भी कश्‍मीर नहीं रहा है। यदि बात करें मुद्दों के जरिए भारत से सौदेबाजी करने की तो उसमें दोनों देशों के बीच व्‍यापार सबसे बड़ा मुद्दा है। इसको लेकर भारत संजीदा भी है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर भारत वार्ता करना भी चाहता है। आने वाले अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में भी यह मुद्दा उनके लिए कारगर साबित होगा, जिसे वह भुनाएंगे।

अफगानिस्‍तान थ्‍योरी
पंत के मुताबिक वर्तमान में अमेरिका के लिए अफगानिस्‍तान गले की फांस बन चुका है। वह अफगानिस्‍तान से अब निकलना चाहता है। यहां पर उसने खरबों डॉलर खर्च किए हैं लेकिन उसको कुछ हासिल नहीं हुआ है। यदि वह तुरंत अपनी सेनाओं को यहां से निकाल लेता है तो अफगानिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था पूरी तरह से चरमरा जाएगी। इसके अलावा अमेरिका पर भी सवाल उठने लगेंगे कि आखिर दो वर्ष तक उसने यहां पर क्‍या किया। लिहाजा अमेरिका चाहता है कि किसी तरह से यहां से जाने के बाद भी उसकी इज्‍जत बची रहे। इसके लिए वह यहां की सत्‍ता अफगानिस्‍तान में बनने वाली ऐसी सरकार को देना चा‍हता है जिसमें तालिबान की सहभागिता हो। प्रोफेसर पंत के मुताबिक कश्‍मीर पर दिए बयान से अफगानिस्‍तान को जोड़ना काफी हद तक बेमानी होगा। आपको यहां पर ये भी बता दें कि कश्‍मीर पर बयान को लेकर सामने आई अफगानिस्‍तान थ्‍योरी की शुरुआत ट्रंप के उस बयान के बाद हुई थी जिसमें उन्‍होंने कहा था कि अफगानिस्तान से हमें बाहर निकालने में पाकिस्तान हमारी मदद करने जा रहा है।

कश्‍मीर पर बयान से पाकिस्‍तान खुश
प्रोफेसर पंत के मुताबिक कश्‍मीर पर दिए बयान को लेकर पाकिस्‍तान काफी खुश है। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि उसको कश्‍मीर पर दिए बयान के अलावा अमेरिका से कुछ और हासिल नहीं हो सका है। डोनाल्‍ड ट्रंप से पहली ही मुलाकात के दौरान पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कई बार शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। पहले उन्‍हें प्रोटोकोल के तहत सम्‍मान न दिए जाने की खबरें सुर्खियां बनीं थीं, इसके बाद उन्‍हें मुलाकात से पहले कुछ समय के लिए लेक्‍चर सुनाया गया। इतना ही नहीं ट्रंप से वन टू वन टाक में भी यूएस राष्‍ट्रपति ने पाकिस्‍तान की उस मांग को लगभग खारिज कर दिया जिसमें उन्‍होंने वित्‍तीय मदद की गुहार लगाई थी। पाकिस्तान की इस मांग पर ट्रंप ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगे।

इमरान के लिए ट्रंप का बयान सुकून भरा
आपको बता दें कि पाकिस्‍तान हर बार हर मंच से कश्‍मीर मुद्दे को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश करता आया हे। ट्रंप से हुई वार्ता में भी उन्‍होंने यही कोशिश की थी। ओआरएफ के प्रोफेसर की मानें तो इमरान खान के लिए यही बयान काफी सुकून भरा रहा है। हालांकि पंत का ये भी कहना है कि यदि पाकिस्‍तान कश्‍मीर पर दिए ट्रंप के बयान के बाद कोई गलतफहमी में रहना चाहता है तो, इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता है।


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