नितिन गडकरी बोले, कैलास मानसरोवर मार्ग का 85 फीसद काम पूरा; चार धाम परियोजना का भी काम तेजी पर
नितिन गडकरी ने हाल ही में धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाले मार्ग का काम पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) की प्रशंसा की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि कैलास मानसरोवर मार्ग का निर्माण अंतिम दौर में है। पिथौरागढ़ से गुजरने वाले इस राजमार्ग का 85 फीसद काम पूरा कर लिया गया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि 12,000 करोड़ रुपये की लागत वाली चार धाम परियोजना का काम भी तेजी पर है। उन्होंने कहा, 'उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से होते हुए कैलास मानसरोवर को जाने वाले राजमार्ग का 85 फीसद काम पूरा हो चुका है। जब यह मार्ग पूरा हो जाएगा तब मैं इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कैलास मानसरोवर ले जाऊंगा।'
उत्तराखंड के लिपुलेख को धालचूला से जोड़ता है यह मार्ग
मंत्री ने हाल ही में धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाले मार्ग का काम पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) की प्रशंसा की है। इस सड़क को कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग के नाम से भी जाना जाता है। 80 किलोमीटर लंबा व रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण यह मार्ग चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के लिपुलेख को धालचूला से जोड़ता है। इसके पूरा होने के बाद कैलास मानसरोवर की यात्रा सुगम हो जाएगी, वहीं समय भी कम लगेगा। फिलहाल श्रद्धालु सिक्किम या नेपाल के माध्यम से कैलास मानसरोवर जाते हैं।
दरअसल, धारचूला-लिपुलेख राजमार्ग पिथौरागढ़-तवाघाट-घाटियाबगढ़ मार्ग का विस्तार है। इसकी शुरुआत घाटियाबगढ़ से होती है और समापन लिपुलेख दर्रे के पास होता है। लिपुलेख दर्रा ही कैलास मानसरोवर का प्रवेश द्वार माना जाता है। इस सड़क की शुरुआत समुद्रतल से 6,000 फीट की ऊंचाई से होती है और समापन 17,060 फीट पर होता है।