Move to Jagran APP

नितिन गडकरी ने लोकसभा में परियोजनाओं में देरी के कारण गिनाए, बोले- हर कोई काम रोकने की बात करता है

लोकसभा में सड़क परियोजनाओं में विलंब के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में गडकरी ने भूमि अधिग्रहण पर्यावरण मंजूरियों तथा आब्रिट्रेशन को मुख्य बाधा बताया।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 07:40 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 07:40 PM (IST)
नितिन गडकरी ने लोकसभा में परियोजनाओं में देरी के कारण गिनाए, बोले- हर कोई काम रोकने की बात करता है
नितिन गडकरी ने लोकसभा में परियोजनाओं में देरी के कारण गिनाए, बोले- हर कोई काम रोकने की बात करता है

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क परियोजनाओं में होने वाली देरी पर अपनी व्यथा सामने रख दी। भूमि अधिग्रहण व पर्यावरण मंजूरियों के अलावा आब्रिटेशन प्रक्रियाओं को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा- 'यहां हर कोई काम रोकने की बात करता है। काम करने की बात कोई नहीं करता।' देश को विकास के प्रति सकारात्मक नजरिया एवं व्यवहार अपनाने की जरूरत है।

loksabha election banner

लोकसभा में सड़क परियोजनाओं में विलंब के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में गडकरी ने भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरियों तथा आब्रिट्रेशन को मुख्य बाधा बताया। उनका कहना था कि पर्यावरण संरक्षण और विकास के कार्य साथ-साथ चलने चाहिए। उन्होंने आब्रिट्रेशन प्रक्रियाएं जल्द पूरी करने को लेकर सरकार की गंभीरता का जिक्र भी किया। 'भारतमाला' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इस परियोजना के 5.35 लाख करोड़ रुपये लागत वाले पहले चरण को अक्टूबर, 2017 में मंजूरी दी थी। इसके तहत 10 हजार किमी नेशनल हाईवे समेत कुल 34,800 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना है। प्रोजेक्ट में 9 हजार किमी के आर्थिक गलियारे, 6 हजार किमी की फीडर रोड तथा 5000 किमी के राष्ट्रीय गलियारे शामिल हैं। इसके अलावा इसमें 2 हजार किमी सीमावर्ती सड़कों, इतनी ही तटीय सड़कों तथा 800 किमी एक्सप्रेसवे का निर्माण होना है।

गडकरी ने कहा कि राजमार्गों का निर्माण अलाइनमेंट, लागत एवं भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता, डीपीआर/फीजिबिलिटी अध्ययन, वित्तीय सक्षमता तथा कोष की उपलब्धता इत्यादि के आकलन के बाद ही प्रारंभ किया जाता है। गुरुवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गडकरी ने कहा कि भारत में सड़क हादसों से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं, जबकि दुनिया में ऐसे भी देश हैं जहां कोई सड़क दुर्घटना नहीं होती। हादसों पर काबू पाने के लिए सरकार विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक की मदद से ब्लैक स्पॉट्स को दुरुस्त करने की 14 हजार करोड़ रुपये की परियोजना चला रही है। इसके अलावा सरकार सड़कों के ऑडिट के जरिए दुर्घटनाओं का कारण पता कर दोषियों की जिम्मेदारी तय करेगी। हिमाचल प्रदेश में बस हादसों पर नियंत्रण के लिए नदियों के किनारे बैरियर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कई अन्य क्षेत्रों में भी बदलाव की जरूरत बताई।

नेशनल हाईवे एक्सीडेंट रिलीफ स्कीम के बारे में उन्होंने कहा कि ये स्कीम 2017 तक वैध थी और एनएचएआइ एंबुलेंस प्रदान करती थी। अब टोल प्लाजा पर एंबुलेंस उपलब्ध कराई जा रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.