मालेगांव विस्फोट केस : प्रज्ञा ठाकुर नहीं हुई पेश, एनआइए अदालत सख्त, कहा- 19 दिसंबर को सभी हाजिर हों
मालेगांव विस्फोट मामले में मुंबई की विशेष एनआइए अदालत ने बृहस्पतिवार को सभी आरोपियों को अगली तारीख 19 दिसंबर को पेश होने के निर्देश दिए। विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश पीआर सितरे (PR Sitre) ने भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के पेश नहीं होने पर यह निर्देश दिया।
मुंबई, पीटीआइ/एएनआइ। मालेगांव विस्फोट मामले में मुंबई की विशेष एनआइए अदालत ने बृहस्पतिवार को सभी आरोपियों को अगली तारीख 19 दिसंबर को पेश होने के निर्देश दिए। दरअसल विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश पीआर सितरे (PR Sitre) ने भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (Prasad Purohit) समेत सभी आरोपियों को बृहस्पतिवार को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था लेकिन प्रज्ञा ठाकुर, रमेश उपाध्याय, सुधाकर दिवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी पेश नहीं हुए।
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश के सामने केवल तीन ही आरोपी प्रस्तुत हुए। अन्य तीन आरोपियों के वकीलों ने अदालत को सूचित किया कि कोरोना की स्थिति के चलते उनके मुवक्किल अदालत में पेश नहीं हो पा रहे हैं। इसके बाद विशेष एनआइए अदालत ने सभी आरोपियों को 19 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया। इस बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को साफ कर दिया कि मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई है। अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई जारी रखी जानी चाहिए।
बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की एक खंड पीठ ने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया। कर्नल पुरोहित की याचिका में गुजारिश की गई है कि उनके विरुद्ध मामले को रद कर दिया जाए। अदालत ने पुरोहित के वकील के अनुरोध पर मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 दिसंबर तय की है। हाईकोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि मामले की एनआइए कोर्ट में सुनवाई किस स्टेज पर चल रही है। इस पर एनआइए के वकील ने बताया कि अगली सुनवाई से मामले की रोजाना सुनवाई होगी। आरोपियों को हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में मुंबई से 200 किलोमीटर दूर स्थित मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में धमाका हो गया था। इस विस्फोट में छह लोग मारे गए थे जबकि सौ से ज्याद घायल हो गए थे। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है। पुलिस के मुताबिक, यह मोटर साइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर पंजीकृत थी और इसी आधार पर उन्हें 2008 में गिरफ्तार किया गया था। बांबे हाई कोर्ट ने साल 2017 में प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दे दी थी।