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मुंद्रा बंदरगाह से बरामद हेरोइन मामले में एनआइए ने कई जगह ली तलाशी

एनआइए ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से 2988 किलोग्राम हेरोइन जब्त करने के सिलसिले में शनिवार को विभिन्न राज्यों में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारी ने कहा कि मादक दवाएं टैलकम पाउडर की एक आयात खेप में छिपी हुई थीं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 09:54 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 09:54 PM (IST)
मुंद्रा बंदरगाह से बरामद हेरोइन मामले में एनआइए ने कई जगह ली तलाशी
एनआइए ने हेरोइन मामले में कई जगह ली तलाशी

नई दिल्ली, प्रेट्र। एनआइए ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से 2,988 किलोग्राम हेरोइन जब्त करने के सिलसिले में शनिवार को विभिन्न राज्यों में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। एनआइए के अधिकारी ने कहा कि यह मामला गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर 2,988.21 किलो हेरोइन की जब्ती और खेप की खरीद और वितरण में विदेशी नागरिकों की भागीदारी से संबंधित है।

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चेन्नई, कोयंबटूर और विजयवाड़ा में तलाशी

अधिकारी ने कहा कि मादक दवाएं टैलकम पाउडर की एक आयात खेप में छिपी हुई थीं। यह खेप अफगानिस्तान से चलकर ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह से होते हुए भारत पहुंची है। एनआइए अधिकारी ने कहा कि चेन्नई, कोयंबटूर और विजयवाड़ा में टैलकम पाउडर के आयात में शामिल आरोपियों के परिसरों में तलाशी ली गई। तलाशी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, लेख और अन्य सामान जब्त किये गये। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग 21 हजार करोड़ रुपये की हेरोइन अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट के मार्फत दो कंटेनर में भेजी गई थी। हेरोइन को अपरिष्कृत टेलकम पाउडर के पत्थर के रूप में भेजा गया था।

आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के पते पर पंजीकृत जिस आशी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से टैलकम पाउडर की आड़ में हेरोइन भेजी गई, उस कंपनी के नाम पर जून में भी 25 हजार किलो टेलकम पाउडर आयात किया था। माना जा रहा है कि जून में आया टेलकम पाउडर भी हेरोइन ही था, जिसकी कीमत 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक थी।

गृह मंत्रालय एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मुंद्रा पोर्ट पर इतनी बड़ी मात्रा में पकड़ी गई हेरोइन सिर्फ ड्रग तस्करी से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि इसके भारत में आतंकी गतिविधियों के साथ-साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय भारत विरोधी आतंकी संगठनों की फंडिंग के लिए इस्तेमाल किये जाने की आशंका है।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होता है मादक पदार्थों का कारोबार

अफगानिस्तान में दुनिया की करीब 85 प्रतिशत अफीम होती है और तालिबान इसी की खेती के बल पर फलता-फूलता रहा है। अफीम और उससे बने अन्य मादक पदार्थों के कारोबार में तालिबान की मदद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ किस तरह करती रही है, यह किसी से छिपा नहीं। देश में युवा पीढ़ी को बर्बाद करने वाला यह काला कारोबार फल-फूल रहा है। यह जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों तक फैला हुआ है।


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