छत्तीसगढ़ में NIA ने एफआईसीएन मामले में 9 लोगों के खिलाफ दायर की चार्जशीट
एनआईए ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में एक नकली भारतीय मुद्रा नोट मामले में 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
बिलासपुर, एएनआइ। बिलासपुर में विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने बीते दिन छत्तीसगढ़ में एक नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) मामले में 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट(आरोप पत्र) दाखिल की है। यह मामला सात व्यक्तियों - देवेंद्र चंद्रा, मनोज साहू, रोहित भारद्वाज, ज्ञानदास कुर्रे, दिलीप कुमार महिलंगे, डोमन मिरी और नोहर सिन्हा के कब्जे से 7,39,300 रुपये के अंकित मूल्य के साथ एफआईसीएन की जब्ती से संबंधित है। राज्य पुलिस ने पिछले साल 16 सितंबर को सात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया था।
इसके बाद, एनआईए ने पिछले साल 9 अगस्त को मामला दर्ज किया और जांच के दौरान, दो और व्यक्तियों हेमलाल साहू और सेवक राम को गिरफ्तार किया गया। कुर्रे भारतीय मुद्रा नोटों और सरकारी स्टांप पत्रों को जाली बनाने में मास्टरमाइंड था और इसमें महिलंगे और मिरी शामिल थे। एनआईए अधिकारी ने कहा कि तीनों ने कंप्यूटर डेस्कटॉप और कोल्ड्रर प्रिंटर / स्कैनर की मदद से FICN बनाना शुरू किया।
अधिकारियों ने कहा कि कुर्रे ने बघेल और भारद्वाज को भी अपने साथ जोड़ लिया और उन्हें FICN की छपाई और प्रचलन में शामिल किया। अधिकारी ने कहा कि साहू और चंद्रा, कुर्रे के संपर्क में आए और नकली मुद्रा के प्रचलन में शामिल हो गए। बाद में, हेमलाल और सिन्हा को एफआईसीएन के प्रचलन में लाया गया।
बता दें कि पिछले महीने एनआईए ने एक अलग नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) के प्रचलन मामले में शामिल होने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। एनआईए ने कहा था कि दो आरोपियों की पहचान मो बैतुल्लाह और मो मुख्तार के रूप में की गई, जो उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोटों के उत्पादन, संचलन और तस्करी के लिए एक नेटवर्क द्वारा रची गई साजिश में शामल हैं। इस साल मार्च में, एनआईए ने नकली भारतीय कागज मुद्रा के डीआरआई द्वारा किए गए जब्ती के आधार पर मामला दर्ज किया, जिसमें गिरफ्तार अभियुक्तों- गुलाम मुर्तुजा और शाजतुर रहमान से 4,01,000 रुपये मूल्य के नोट बरामद किए गए थे।