Terror Funding Case: अलगाववादी नेता मीरवाइज से संतुष्ट नहीं NIA, पूछताछ दूसरे दिन भी जारी
अलगाववादी नेता से जो सवाल किए गए जांच अधिकारी उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं हुए। इसलिए उन्हें मंगलवार को फिर पूछताछ के लिए मीरवाइज को बुलाया गया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। हुर्रियत के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूख आतंकी फंडिंग मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सामने पेश हुए। एक अधिकारी ने बताया कि मीरवाइज पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अलगाववादी नेता से जो सवाल किए गए जांच अधिकारी उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं हुए। इसलिए उन्हें मंगलवार को फिर पूछताछ के लिए मीरवाइज को बुलाया गया।
अधिकारी ने बताया कि मीरवाइज से आतंकी फंडिंग के साथ-साथ हवाला ऑपरेशन से जुड़े सवाल किए जा रहे हैं, लेकिन उनके जवाब से जांच अधिकारी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। मीरवाइज सोमवार तड़के जम्मू-कश्मीर से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। इससे पहले एनआइए ने शुक्रवार को एक बार फिर टेरर फंडिग मामले में मीरवाइज से पूछताछ के लिए तीसरी बार नोटिस भेजा। अगर मीरवाइज आज भी एनआइए के सामने पेश नहीं होते, तो उनके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने के आदेश जारी हो सकते थे।
मीरवाइज के सचिव सईद उर रहमान ने एनआइए के नोटिस पर कहा कि मीरवाइज पहले ही अपना पक्ष स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने पहले ही कहा है कि वह जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं, क्योंकि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। सुरक्षा कारणों से वह दिल्ली नहीं जा सकते। एनआइए चाहे तो उनसे श्रीनगर में पूछताछ कर सकती है, वह यहां हमेशा उपलब्ध हैं। मीरवाइज को भेजे नोटिस में कहा गया कि एनआइए जिस मामले की जांच कर रही है, उसको लेकर आप भलीभांति परिचित हैं। ऐसे में सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में हाजिर हों।
गौरतलब है कि एनआइए ने साल 2017 में टेरर फंडिंग के मामले में केस दर्ज किया था। इस मामले में मीरवाइज और अशरफ सहरेई को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी अलगाववादियों को कभी न कभी जेल में जाना पड़ा है। एनआइए मीरवाइज के दो रिश्तेदारों मौलवी मंजूर और मौलवी शफकत से भी पूछताछ कर चुकी है। दोनों ही राज्य सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। जांच एजेंसी आतंकियों की वित्त सहायता करने वाली पूरी चेन की तलाश कर रही है।