बेंगलुरु हिंसा मामले में एनआइए ने साजिशकर्ता सादिक को दबोचा, पुलिस थानों को बनाया गया था निशाना
एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने बेंगलुरु में 11 अगस्त को पुलिस थाने पर हमला करने और अन्य स्थानों पर हिंसा भड़काने के मामले में कथित साजिशकर्ता सैयद सादिक अली को गिरफ्तार किया है। सादिक पर हिंसा भड़काने की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
बेंगलुरु, पीटीआइ। बेंगलुरु में 11 अगस्त को पुलिस थाने पर हमला करने और अन्य स्थानों पर हिंसा भड़काने के मामले में एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने गुरुवार को सैयद सादिक अली को गिरफ्तार कर लिया। उस पर हिंसा भड़काने की साजिश में शामिल होने का आरोप है। सादिक अली (44) बेंगलुरु का ही रहने वाला है। एनआइए की जांच में पता चला है कि 11 अगस्त को उसी ने केजी हल्ली पुलिस थाने पर हमले के लिए भीड़ को उकसाया था। इस हमले में बड़े पैमाने पर जनता की संपत्ति और सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था।
तीन हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ ने थाने की इमारत को नुकसान पहुंचाने के साथ ही वहां खड़े और बाहर पार्क किए गए सैकड़ों वाहनों को फूंक दिया था या उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया था। इसी भीड़ ने बाद में कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवासमूर्ति और उनकी बहन जयंती के आवास पर हमलाकर वहां तोड़फोड़ की। भीड़ इतने पर भी नहीं रुकी, उसने बेंगलुरु के देवरा जीवनहल्ली और काडुगोंडनहल्ली थानों पर हमलाकर वहां भी तोड़फोड़ की।
बेंगलुरु में यह हिंसा सोशल मीडिया पर पैगंबर मुहम्मद पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भड़की थी। जांच में पाया गया कि हिंसा के पीछे चरमपंथी संगठन एसडीपीआइ (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) और पीएफआइ (पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) का हाथ था। एनआइए की 30 से ज्यादा जगहों में छापेमारी में एयरगन, उनके छर्रे, धारदार हथियार, लोहे की छड़ें, डिजिटल डिवाइस, डीवीआर और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। यह जानकारी एनआइए की आइजी सोनिया नारंग ने दी है।
जांच में पता चला है कि एसडीपीआइ के राज्य सचिव मुजम्मिल पाशा और अन्य सदस्यों ने भीड़ को एकत्रित किया और हिंसा के लिए भड़काया। हिंसा में आतंकी हाथ होने के सुबूत मिलने पर कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच एनआइए से कराने का अनुरोध किया। गिरफ्तार किया गया सादिक घटना वाले दिन से ही गायब था। कई दिन की तलाश के बाद वह एनआइए के हाथ आया। अब रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जाएगी। बेंगलुरु पुलिस ने विभिन्न घटनाओं से संबंधित 65 मामले दर्ज किए हैं और साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।