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मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर एनएचआरसी ने सभी राज्यों से मांगी रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के हवाले से कहा गया है कि लगभग पांच करोड़ भारतीय मानसिक अवसाद से ग्रस्त हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 06:14 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 06:14 PM (IST)
मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर एनएचआरसी ने सभी राज्यों से मांगी रिपोर्ट
मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर एनएचआरसी ने सभी राज्यों से मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर उनके द्वारा उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट मांगी है। उसने यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के वकील राधाकांत त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका का संज्ञान लेते हुए मांगी।

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कोरोना काल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव

याचिका में इस बात को सामने लाया गया है कि कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य ठीक न होने के चलते लोग आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा रहे हैं। सरकारें बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में इस दिशा में कुछ भी नहीं कर पा रही हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा- पांच करोड़ भारतीय मानसिक अवसाद से ग्रस्त हैं

इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के हवाले से कहा गया है कि लगभग पांच करोड़ भारतीय मानसिक अवसाद से ग्रस्त हैं।

भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर कम ध्यान दिया जाता है 

भारत में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर अन्य बीमारी की तुलना में बहुत कम ध्यान दिया जाता है। यह पूरे परिवार के लिए घातक होती है।

एनएचआरसी ने ट्रांसजेंडरों और यौनकर्मियों की दुर्दशा पर भी सभी राज्यों से मांगा जवाब

एनएचआरसी ने त्रिपाठी द्वारा दायर पूर्व याचिकाओं पर कार्रवाई करते हुए ट्रांसजेंडरों और यौनकर्मियों की दुर्दशा पर भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा है।


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